मुंगेर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ चंचल कुमार तिवारी ने रंगरेश कुमार यादव की हत्या मामले में दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. न्यायालय ने 1 अप्रैल 2021 को दोनों अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था. लेकिन कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण न्यायिक कार्यवाही बंद होने के कारण सजा नहीं सुनाई थी.
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आजीवन कारावास की सजा
बीते सोमवार से न्यायिक कार्यवाही प्रारंभ हुई तो बुधवार को न्यायालय ने सत्रवाद संख्या 314/16 में सजा के बिंदु पर सुनवाई की. अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के दलील सुनने के बाद न्यायालय ने दोषी साधु यादव को आर्म्स एक्ट में 3 साल और हत्या मामलें में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. साथ ही साथ हत्या में सहयोगी रही उसकी पत्नी सुमित्रा देवी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके आलावा न्यायालय ने साधु यादव को 3 हजार और सुमित्रा देवी को दो हजार रूपये का अर्थदंड लगाया.
क्या है मामला
मुफस्सिल थाना के शंकरपुर नावादा गांव में मृतक के आम के बगीचे से 17 अगस्त 2009 को स्थानीय ग्रामीण के द्वारा आम की डाली को तोड़ने के लिए विवाद हुआ. बाद में अभियुक्त ने घर में घुसकर बगीचे के मालिक के पुत्र रंगलेश कुमार यादव को गोली मार दी. इलाज के दौरान जख्मी रंगरेश की मौत हो गई थी.
रेगुलर जमानत आवेदन पर नहीं हो रही सुनवाई
आपको बताएं कि पिछले एक माह से अधिक समय से कोर्ट सिर्फ रिमांड की कार्यवाही कर रही थी. हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार से डिजिटल माध्यम से कोर्ट में आवश्यक न्यायिक कार्यवाही करने का आदेश दिया. जमानत के अभाव में सैकड़ों अभियुक्त जेल में बंद हैं.