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बिहार-झारखंड बॉर्डर स्थित समेकित जांच चौकी पर इंट्री माफियाओं का खेल जारी, सरकार को करोड़ों का नुकसान

बिहार-झारखंड बॉर्डर स्थित समेकित जांच चौकी से इंट्री माफियाओं की कालाबजारी का खेल जारी है. इस कालाबाजारी से हर दिन सरकारी राजस्व को करोड़ों का नुकसान होता है.

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इंट्री माफियाओं का खेल जारी
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Published : Aug 2, 2020, 2:05 PM IST

नवादा: जिले के रजौली अनुमंडल स्थित समेकित जांच चौकी पर बिहार-झारखंड से आने-जाने वाले वाहन चालकों से इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है. नवादा में इन दिनों बॉर्डर पर वाहन मालिकों से इंट्री माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है. इससे राज्य सरकार को हर महीने करोड़ों के राजस्व का नुकसान होता है.

वजह यह है कि इंट्री माफियाओं और अधिकारियों के गठजोड़ में लोहा, कोयला, गिट्टी लदे ट्रक के अलावा ओवर लोड ट्रक और कंटेनर को जिले से पार कराया जाता है. इसके एवज में ट्रक चालकों से मोटी रकम वसूली जाती है. जाहिर है कि इस गोरखधंधे में इन्हें हर दिन लाखों की कमाई हो रही है.

बिहार से कालाबाजारी का खेल जारी
वहीं, इस प्रकार बिहार से कालाबाजारी के सरकारी चावल के और अन्य सामन भेजे जाते हैं. वहीं, झरखण्ड से आने वाले बालू, गिट्टी, कोयला, लोहा ओभरलोड होकर बिहार, पटना पहुंचते ही इंट्री माफिया के लिए यह सोने में तब्दील हो रहा है. हैरानी की बात यह है कि इस मामले में अधिकारी भी कुछ बोलने से कतराते हैं. झारखण्ड-बिहार पर बॉर्डर के होटल में बॉर्डर इंट्री माफियाओं का अघोषित कार्यालय संचालित हो रहा है. इंट्री के कारोबार में अब सफेदपोश भी अपना दाव आजमाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. इस कारोबार में कई गुट के लोग लगे हुए हैं. जानबूझ कर झारखण्ड क्षेत्र में कार्यालय संचालित होते हैं, ताकि किसी भी तरह की जांच पड़ताल से बचा जा सके़. ओवर लोड ट्रक चालक सबसे पहले इन्हीं कार्यालयों में संपर्क स्थापित करते हैं.

इंट्री माफियाओं का होता है कोड वर्ड
इंट्री माफियाओं का अपना कोड वर्ड होता है. जिसे ट्रक चालकों से राशि लेकर उन्हें कोड वर्ड दिया जाता है़. नवादा जिले में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारियों को कोड वर्ड का पता होता है. जब संबंधित ट्रक चालक रजौली के सीमा पहुंचते हैं तो वह अपना कोड वर्ड बताते है और वहां से बेरोकटोक पार कर जाते हैं. जो वाहन बिना कोई कोड के पकड़े जाते है तो उनसे तय जुर्माना वसूला जाता हैं.

प्राइवेट कर्मी का मोबाइल उगल सकता है राज
परिवहन विभाग के अधिकारी के प्राइवेट कर्मी का मोबाइल इंट्री माफियाओ का राज उगल सकता है. एक सवाल यह है की अधिकारी जो अपने साथ दो, तीन प्राइवेट कर्मी को जीप में लेकर चेकिंग करते हैं. उनको तन्खवाह किस फंड से देते हैं. क्या सरकार की ओर से भुगतान किया जाता है या खुद अधिकारी अपनें तन्खवाह से देते हैं यह बहुत बड़ा सवाल है. सूत्र बताते हैं कि उक्त अधिकारी के प्राइवेट कर्मी जब कोई ट्रक पकड़ा जाता है तो अधिकारी अपने प्राइवेट कर्मी को उसी वक्त फोन करके पता करता है कि पकड़ा गया ओवरलोड ट्रक का नम्बर दिया गया है या नहीं. अगर भूल बस नम्बर उक्त कोड में नहीं रहता है, तो उसी वक्त उसे सीज कर दिया जाता है. अगर नम्बर रहता है तो उस ओवरलोड ट्रक को छोड़ दिया जाता है. जिस वक्त ट्रक पकड़ा जाता है, तो उसी वक्त इंट्री माफिया उस अधिकारी को या प्राइवेट कर्मी को फोन भी करता है और सीज नहीं करने को भी कहता है.

ग्रामीणों की सूचना की होती है अनदेखी
वहीं, कुछ ग्रामीणों का कहना था कि अगर ओवरलोड ट्रक पार करने की सूचना परिवहन विभाग को दिया भी जाता है. तो बहाना बना देते है और समय पास मोबाइल पर करने लगते है. तब तक ओवरलोड ट्रक बिहार सीमा में प्रवेश कर जाती है. समेकित जांच चौकी रजौली, थाना रजौली, अकबरपुर थाना, टाउन थाना, मुफस्सिल थाना, दीपनगर थाना, गिरियक थाना, सूरसराय थाना, नवादा माइनिंग और परिवहन सभी इंट्री माफियाओं से सांठगांठ में है. माइनिंग का लोकेशन दिया जाता है जैसा कि इंट्री माफिया पत्राचार के अनुसार सभी वाहन मालिकों को लेटर देखकर एंट्री करने को कहा गया है. नवादा बरेव से इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है. ओवर लोडेड ट्रक कंटेनर बेरोकटोक पार कराने के नाम पर हर दिन लाखों की वसूली हो रही है. जो सुलगती कारवाई कि आग पर मैनेजिंग का पानी ढालते है. चंद मिनटों में कारवाई की आग राख बनता है. फिर जो जैसा होता है नियम कानून तोड़ ओवरलोड और ओवर टेक कर मनमानी ढंग से चलता है.

क्या कहते हैं नवादा एसपी
मुखिया जी उर्फ बाबू अरूण लोहार मास्टर माफिया जो इंट्री का मास्टर माइंड है और कोबरा कोड से संचालित है़. एनएच 31 और एनएच राज्य के व्यस्त राज्य मार्गों में शामिल है. इसी रास्ते एक तरफ कोलकाता, झरखण्ड तो दूसरी तरफ बिहार, नेपाल तरफ वाहनों का परिचालन होता है. इसमें सबसे अधिक संख्या ट्रक और कंटेनरों की होती है़. चावल, कोयला, लकड़ी, गिट्टी, लोहा आदि के बड़े पैमाने पर इस मार्ग पर परिवहन होता है़. लेकिन अधिक लाभ के चक्कर में ये वाहन चालक परिवहन नियम के अवहेलना कर निर्धारित मात्रा से अधिक वजन लोड करते है. इसी वजह से मजबूरन जुर्माना से बचने के लिए वाहन चालकों को इंट्री माफिया के संग में जाना पड़ता है़. वाहन चालकों को इससे लाभ तो हो ही रहा है. संबंधित विभागीय अधिकारी भी मालामाल हो रहे है़. नवादा एसपी हरि प्रसाथ एस ने कहा कि जो लोग राजस्व से खिलवाड़ कर ओवरलोड इंट्री का कार्य कर रहे है. उन लोगो को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जायेगा. अगर इस तरह का शिकायत है, तो बहुत जल्द इंट्री माफियाओं पर कार्रवाई की जाएगी.

नवादा: जिले के रजौली अनुमंडल स्थित समेकित जांच चौकी पर बिहार-झारखंड से आने-जाने वाले वाहन चालकों से इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है. नवादा में इन दिनों बॉर्डर पर वाहन मालिकों से इंट्री माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है. इससे राज्य सरकार को हर महीने करोड़ों के राजस्व का नुकसान होता है.

वजह यह है कि इंट्री माफियाओं और अधिकारियों के गठजोड़ में लोहा, कोयला, गिट्टी लदे ट्रक के अलावा ओवर लोड ट्रक और कंटेनर को जिले से पार कराया जाता है. इसके एवज में ट्रक चालकों से मोटी रकम वसूली जाती है. जाहिर है कि इस गोरखधंधे में इन्हें हर दिन लाखों की कमाई हो रही है.

बिहार से कालाबाजारी का खेल जारी
वहीं, इस प्रकार बिहार से कालाबाजारी के सरकारी चावल के और अन्य सामन भेजे जाते हैं. वहीं, झरखण्ड से आने वाले बालू, गिट्टी, कोयला, लोहा ओभरलोड होकर बिहार, पटना पहुंचते ही इंट्री माफिया के लिए यह सोने में तब्दील हो रहा है. हैरानी की बात यह है कि इस मामले में अधिकारी भी कुछ बोलने से कतराते हैं. झारखण्ड-बिहार पर बॉर्डर के होटल में बॉर्डर इंट्री माफियाओं का अघोषित कार्यालय संचालित हो रहा है. इंट्री के कारोबार में अब सफेदपोश भी अपना दाव आजमाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. इस कारोबार में कई गुट के लोग लगे हुए हैं. जानबूझ कर झारखण्ड क्षेत्र में कार्यालय संचालित होते हैं, ताकि किसी भी तरह की जांच पड़ताल से बचा जा सके़. ओवर लोड ट्रक चालक सबसे पहले इन्हीं कार्यालयों में संपर्क स्थापित करते हैं.

इंट्री माफियाओं का होता है कोड वर्ड
इंट्री माफियाओं का अपना कोड वर्ड होता है. जिसे ट्रक चालकों से राशि लेकर उन्हें कोड वर्ड दिया जाता है़. नवादा जिले में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारियों को कोड वर्ड का पता होता है. जब संबंधित ट्रक चालक रजौली के सीमा पहुंचते हैं तो वह अपना कोड वर्ड बताते है और वहां से बेरोकटोक पार कर जाते हैं. जो वाहन बिना कोई कोड के पकड़े जाते है तो उनसे तय जुर्माना वसूला जाता हैं.

प्राइवेट कर्मी का मोबाइल उगल सकता है राज
परिवहन विभाग के अधिकारी के प्राइवेट कर्मी का मोबाइल इंट्री माफियाओ का राज उगल सकता है. एक सवाल यह है की अधिकारी जो अपने साथ दो, तीन प्राइवेट कर्मी को जीप में लेकर चेकिंग करते हैं. उनको तन्खवाह किस फंड से देते हैं. क्या सरकार की ओर से भुगतान किया जाता है या खुद अधिकारी अपनें तन्खवाह से देते हैं यह बहुत बड़ा सवाल है. सूत्र बताते हैं कि उक्त अधिकारी के प्राइवेट कर्मी जब कोई ट्रक पकड़ा जाता है तो अधिकारी अपने प्राइवेट कर्मी को उसी वक्त फोन करके पता करता है कि पकड़ा गया ओवरलोड ट्रक का नम्बर दिया गया है या नहीं. अगर भूल बस नम्बर उक्त कोड में नहीं रहता है, तो उसी वक्त उसे सीज कर दिया जाता है. अगर नम्बर रहता है तो उस ओवरलोड ट्रक को छोड़ दिया जाता है. जिस वक्त ट्रक पकड़ा जाता है, तो उसी वक्त इंट्री माफिया उस अधिकारी को या प्राइवेट कर्मी को फोन भी करता है और सीज नहीं करने को भी कहता है.

ग्रामीणों की सूचना की होती है अनदेखी
वहीं, कुछ ग्रामीणों का कहना था कि अगर ओवरलोड ट्रक पार करने की सूचना परिवहन विभाग को दिया भी जाता है. तो बहाना बना देते है और समय पास मोबाइल पर करने लगते है. तब तक ओवरलोड ट्रक बिहार सीमा में प्रवेश कर जाती है. समेकित जांच चौकी रजौली, थाना रजौली, अकबरपुर थाना, टाउन थाना, मुफस्सिल थाना, दीपनगर थाना, गिरियक थाना, सूरसराय थाना, नवादा माइनिंग और परिवहन सभी इंट्री माफियाओं से सांठगांठ में है. माइनिंग का लोकेशन दिया जाता है जैसा कि इंट्री माफिया पत्राचार के अनुसार सभी वाहन मालिकों को लेटर देखकर एंट्री करने को कहा गया है. नवादा बरेव से इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है. ओवर लोडेड ट्रक कंटेनर बेरोकटोक पार कराने के नाम पर हर दिन लाखों की वसूली हो रही है. जो सुलगती कारवाई कि आग पर मैनेजिंग का पानी ढालते है. चंद मिनटों में कारवाई की आग राख बनता है. फिर जो जैसा होता है नियम कानून तोड़ ओवरलोड और ओवर टेक कर मनमानी ढंग से चलता है.

क्या कहते हैं नवादा एसपी
मुखिया जी उर्फ बाबू अरूण लोहार मास्टर माफिया जो इंट्री का मास्टर माइंड है और कोबरा कोड से संचालित है़. एनएच 31 और एनएच राज्य के व्यस्त राज्य मार्गों में शामिल है. इसी रास्ते एक तरफ कोलकाता, झरखण्ड तो दूसरी तरफ बिहार, नेपाल तरफ वाहनों का परिचालन होता है. इसमें सबसे अधिक संख्या ट्रक और कंटेनरों की होती है़. चावल, कोयला, लकड़ी, गिट्टी, लोहा आदि के बड़े पैमाने पर इस मार्ग पर परिवहन होता है़. लेकिन अधिक लाभ के चक्कर में ये वाहन चालक परिवहन नियम के अवहेलना कर निर्धारित मात्रा से अधिक वजन लोड करते है. इसी वजह से मजबूरन जुर्माना से बचने के लिए वाहन चालकों को इंट्री माफिया के संग में जाना पड़ता है़. वाहन चालकों को इससे लाभ तो हो ही रहा है. संबंधित विभागीय अधिकारी भी मालामाल हो रहे है़. नवादा एसपी हरि प्रसाथ एस ने कहा कि जो लोग राजस्व से खिलवाड़ कर ओवरलोड इंट्री का कार्य कर रहे है. उन लोगो को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जायेगा. अगर इस तरह का शिकायत है, तो बहुत जल्द इंट्री माफियाओं पर कार्रवाई की जाएगी.

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