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नवादा: एक हजार की आबादी के लिए सिर्फ एक नल, बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं लोग

हजार लोगों की बस्ती में सिर्फ एक नल होने से पानी की भीषण समस्या खड़ी हो जाती है. ऐसे में लोगों को अपने मोहल्ले से काफी दूर स्थित प्रखंड परिसर के पहाड़ी चापाकल की मदद से पानी लाना पड़ रहा है.

पानी का संकट
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Published : Aug 12, 2019, 12:54 PM IST

नवादा: जिले के नारदीगंज प्रखंड के पांडपा गांव के महादलित बस्ती में लोगों को अभी भी पेयजल के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्हें आज भी पानी लेने जाने के लिए काफी दूर तक का सफर तय करना पड़ता है. मोहल्ले में पीएचईडी को जल की सप्लाई करनी है, लेकिन लगभग सौ घर की संख्या वाले इस मोहल्ले में सिर्फ एक नल होने के कारण सभी लोग पानी निर्धारित समय में नहीं भर पाते हैं. ऐसे में अगर बिजली नहीं आई तो कई मोहल्लेवासी पीने के पानी के लिए तरसते रहते हैं. जबकि, सरकार ने सात निश्चय योजना के तहत 2020 तक सूबे के हर घरों में जल,नल, पक्की नाली और गली को देने की बात कही है.

पेयजल का संकट एक बूंद को तरसे लोग
हजारों लोगों के लिए बस एक नललगभग एक हजार की आबादी वाले इस गांव में अभी तक सिर्फ एक नल है. वो भी पूरी तरह बिजली पर निर्भर है. कुछ दिनों से बिजली की दयनीय हालत होने के कारण एकबार फिर से पेयजल की संकट खड़ी हो गई है. लोगों को अपने मोहल्ले से काफी दूर स्थित प्रखंड परिसर के पहाड़ी चापाकल की मदद से पानी लाना पड़ रहा है.
people craving a drop
बूंद-बूंद को तरसते लोग
क्या कहते हैं लोगप्रखंड परिसर में पानी लेने आई गांव की एक बच्ची सुधा कुमारी का कहना है कि हम लोगों को चार-पांच सालों से पानी की समस्या बनी हुई है. ब्लॉक से पानी लाना पड़ता है. हम लोगों के पास नल नहीं है. इसलिए सुबह-शाम यहां पानी लेने आना पड़ता है. वहीं, एक महिला का कहना है कि इलाके में एक नल है. जहां पानी के लिए काफी भीड़ लग जाने से बच्चों में लड़ाई हो जाती है. इसलिए हमलोग यहां दूर पानी के लिए आते हैं.
sudha kumari, local residence
सुधा कुमारी, स्थानीय निवासी
क्या कहते हैं पदाधिकारी
नवादा जिला पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम का कहना है कि पांडपा पंचायत में एक पुरानी स्कीम 2016 से चल रही थी. अब उसके पुनर्गठन के लिए 50 लाख 89 हजार 6 सौ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है और निविदा भी प्राप्त कर लिया गया है सभी घरों को चिन्हित कर शीघ्र ही जलापूर्ति की जाएगी.

नवादा: जिले के नारदीगंज प्रखंड के पांडपा गांव के महादलित बस्ती में लोगों को अभी भी पेयजल के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्हें आज भी पानी लेने जाने के लिए काफी दूर तक का सफर तय करना पड़ता है. मोहल्ले में पीएचईडी को जल की सप्लाई करनी है, लेकिन लगभग सौ घर की संख्या वाले इस मोहल्ले में सिर्फ एक नल होने के कारण सभी लोग पानी निर्धारित समय में नहीं भर पाते हैं. ऐसे में अगर बिजली नहीं आई तो कई मोहल्लेवासी पीने के पानी के लिए तरसते रहते हैं. जबकि, सरकार ने सात निश्चय योजना के तहत 2020 तक सूबे के हर घरों में जल,नल, पक्की नाली और गली को देने की बात कही है.

पेयजल का संकट एक बूंद को तरसे लोग
हजारों लोगों के लिए बस एक नललगभग एक हजार की आबादी वाले इस गांव में अभी तक सिर्फ एक नल है. वो भी पूरी तरह बिजली पर निर्भर है. कुछ दिनों से बिजली की दयनीय हालत होने के कारण एकबार फिर से पेयजल की संकट खड़ी हो गई है. लोगों को अपने मोहल्ले से काफी दूर स्थित प्रखंड परिसर के पहाड़ी चापाकल की मदद से पानी लाना पड़ रहा है.
people craving a drop
बूंद-बूंद को तरसते लोग
क्या कहते हैं लोगप्रखंड परिसर में पानी लेने आई गांव की एक बच्ची सुधा कुमारी का कहना है कि हम लोगों को चार-पांच सालों से पानी की समस्या बनी हुई है. ब्लॉक से पानी लाना पड़ता है. हम लोगों के पास नल नहीं है. इसलिए सुबह-शाम यहां पानी लेने आना पड़ता है. वहीं, एक महिला का कहना है कि इलाके में एक नल है. जहां पानी के लिए काफी भीड़ लग जाने से बच्चों में लड़ाई हो जाती है. इसलिए हमलोग यहां दूर पानी के लिए आते हैं.
sudha kumari, local residence
सुधा कुमारी, स्थानीय निवासी
क्या कहते हैं पदाधिकारी
नवादा जिला पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम का कहना है कि पांडपा पंचायत में एक पुरानी स्कीम 2016 से चल रही थी. अब उसके पुनर्गठन के लिए 50 लाख 89 हजार 6 सौ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है और निविदा भी प्राप्त कर लिया गया है सभी घरों को चिन्हित कर शीघ्र ही जलापूर्ति की जाएगी.
Intro:नवादा। बरसात का मौसम है। एक तरफ आसमान में बादल छाये रहते हैं कुछ बुंदबून्दी बारिश भी हो जाती है फिर भी नीचे दो बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं जिले के नारदीगंज प्रखंड के हंडिया पंचायत के पांडपा गांव के महादलित बस्ती की। जहां के लोगों अभी भी पेयजल के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। उन्हें आज भी पेयजल पानी के लिए काफी दूर तक का सफ़र तय करना पड़ता है। मुहल्ले में पीएचईडी को जल की सप्लाई की करनी है लेकिन लगभग सौ घर की संख्या वाले इस मुहल्ले में सिर्फ एक नल होने के कारण सभी लोग पानी निर्धारित समय में नहीं भर पाते हैं ऐसे अगर बिजली नहीं आई तो कई मुहल्लेवासी पीने के पानी के लिए तरसने लगते हैं। बच्चे हो या बूढ़े सभी पानी बगैर बिलबिलाने लगते हैं। जबकि, सरकार सात निश्चय के तहत 2020 तक सूबे के हर घरों नली गली देने बात है।




Body:1000 पर एक नल, बनी मुसीबत

लगभग एक हजार की आबादी वाली इस गांव में अभी तक सिर्फ एक नल चालू अवस्था में है लेकिन वो भी पूरी तरह बिजली पर निर्भर करती है। कुछ दिनों से बिजली के दयनीय स्थिति होने के कारण एकबार फिर पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है लोगों अपने मुहल्ले से काफी दूर स्थित प्रखंड परिसर स्थित पहाड़ी चापाकल की मदद से पानी मिल पा रहा है।

क्या कहते हैं लोग

प्रखंड परिसर में पानी लेने आई गांव की एक बच्ची सुधा कुमारी का कहना है कि, हमलोगों को चार-पांच सालों से पानी की समस्या बनी हुई है। हमलो के पास नल नहीं है इसलिए यहां सुबह-शाम आकर पानी लेने आना पड़ता है वहीं,.....यहां पानी की बहुत समस्या है सर, ब्लॉक से पानी लाना पड़ता है। वहीं, एक महिला का कहना है कि एक नल है जिसपे काफी भीड़ लग जाने से बच्चों में लड़ाई हो जाती है यहां कम से कम एक और नल चाहिए।


क्या कहते हैं पदाधिकारी

नवादा जिला पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम का कहना है कि, पांडपा पंचायत में एक पुरानी स्कीम 2016 से चल रही थी अब उसके पुनर्गठन के लिए 50 लाख 89 हजार 6 सौ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। निविदा भी प्राप्त कर लिया गया है सभी घरों को चिन्हित कर शीघ्र ही जलापूर्ति की जाएगी।





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