नवादा: वैलेंटाइन डे के अवसर पर नवादा के साहित्य रत्न डॉ. गोपाल निर्दोष की छठी पुस्तक 'आस- किरण' का लोकार्पण किया गया. इस साल ये उनकी दूसरी किताब है. इससे पहले उन्होंने कविता संग्रह 'पारस परस' का लोकार्पण किया था.
बता दें कि डॉ. गोपाल निर्दोष की पुस्तक 'आस-किरण' एक प्रेम कविता संग्रह है. इसलिए उन्होंने इसका लोकार्पण प्रेम दिवस 14 फरवरी के दिन किया. इस पुस्तक का लोकार्पण गोपाल निर्दोष ने अपने रंगशिष्य रजनीश कुमार के हाथों करवाया. रजनीश कुमार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंगार्थी और नाट्य चिकित्सा पद्धति के शोधार्थी हैं.
कई सम्मान से सम्मानित
'आस-किरण' का लोकार्पण करते हुए रजनीश कुमार ने बताया कि बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना की ओर से पंडित रामचंद्र भारद्वाज सम्मान से सम्मानित और स्किल माइंड्स फाउंडेशन एंड दीक्षांश फाउंडेशन की ओर से डॉ. राजेंद्र प्रसाद शिक्षा शिरोमणि सम्मान से सम्मानित डॉ. गोपाल निर्दोष हमारे नवादा के साहित्य-रत्न हैं. हमें इन पर नाज है. ये मेरा सौभाग्य है कि ये मेरे प्रथम रंगगुरु हैं. आज इन्होंने मुझे एक और अप्रतिम सौभाग्य प्रदान कर दिया कि अपनी छठी पुस्तक का मेरे हाथों लोकार्पण करवा दिया. आज मैं अपने घर में यह सौभाग्य पाकर कृतार्थ हूं. इसके साथ ही उन्होंने 'आस-किरण' पुस्तक से 'चलो एक दीया जलाएं' और 'कुछ बातें लेकिन बरकरार रहे' नामक कविता का भी पाठ किया.
जाहिर की प्रसन्नता
इसके अलावा पुस्तक विमोचन के मौके पर उपस्थित कई वक्ताओं ने अपने-अपने अंदाज में बुक की तारीफ की. साथ ही डॉ. गोपाल निर्दोष की तारीफ करते हुए काफी प्रसन्नता जाहिर की.