नवादा: कहते हैं कि 'समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता' कुछ ऐसा ही सेराजनगर बभनौर पंचायत के ग्रामीणों के साथ हुआ. दरअसल, पिछले साल जब सेराजनगर और बभनौर के बीच बना पुल ध्वस्त हुआ तो ग्रामीणों ने चंदा इक्ट्ठा कर यहां डायवर्सन का निर्माण कराया था.
दिन-रात एक कर बना यह डायवर्सन अगले दिन ही सुबह ध्वस्त हो गया. जिससे लोगों में काफी मायूसी है. साथ ही सरकार के खिलाफ गुस्सा भी है.
स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले साल नदी में बाढ़ आ जाने की वजह से पुल ध्वस्त हो गया था. तब से ग्रामीण लगातार जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक पुल निर्माण के लिए गुहार लगा रहे थे. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. दो हप्ते पहले जब नदी में पानी बढ़ गया और आवाजाही में परेशानी होने लगी तो उन्होंने खुद मोर्चा संभाला.
बारिश के कारण हो रही थी परेशानी
लोगों ने बताया कि बीते दिनों हुई बारिश के कारण ग्रामीणों का नरहट, हिसुआऔर जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया था. उस दौरान ग्रामीणों फिर पुल निर्माण की मांग उठाई. उन्होंने यह भी कहा कि शीघ्र पुल नहीं बन सकता तो तत्काल एक डायवर्सन बनवाया जाए. लेकिन किसी ने इनकी नहीं सुनी. ऐसे में उन्होंने आपस में मिलकर चंदा इकट्ठा किया और डायवर्सन बनाया.
'पुल नहीं तो वोट नहीं'
मायूस ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों का मानें तो करीब 1 लाख रुपये की लागत से डायवर्सन का निर्माण कराया गया था. 8 मेन होल पाइप और जेसीबी के अलावा सैकड़ों ग्रामीणों की मेहनत के बाद रविवार को डायवर्सन बनकर तैयार हुआ था. लेकिन, सोमवार सुबह सारी मेहनत पर पानी फिर गया.
जिला प्रशासन से गुहार लगाना भी रहा बेअसर
ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से भी गुहार लगाई गई है. बता दें कि यहां के सांसद लोजपा के चंदन सिंह और क्षेत्र से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह हैं. दोनों ही केंद्र और राज्य में सत्ताधारी पार्टी के सदस्य हैं बावजूद लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.