नवादा: भारत सरकार ने युवाओं के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की थी. इसके तहत देश के युवा निशुल्क कौशल अर्जित कर खुद को रोजगार के काबिल बना सकते हैं. जिले के युवा इसी योजना के जरिए अपना भविष्य उज्जवल कर रहे हैं. अक्सर गांव में रहने वाले युवा अच्छी पढ़ाई नहीं मिलने के कारण बैठे ही रह जाते हैं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना उन युवाओं को अपना भविष्य बनाने का मौका देता है.
2014 में हुई थी योजना की शुरुआत
इस योजना की शुरुआत 2014 में की गई. इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार मुहैया कराना है. इसके तहत सरकार ने साढ़े पांच करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है. इसकी के तहत नवादा में भी ट्रेनर एजेंसी कुएस क्रॉप लिमिटेड के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. साथ ही उन्हें रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है.
युवाओं को किया जाता है प्रेरित
युवाओं को ग्रामीण क्षेत्र से मॉबलाइज कर केंद्र तक लाया जाता है. इसके बाद उनकी काउंसलिंग की जाती है. फिर उनके रहने के लिए निशुल्क होस्टल, खाना-पीना और पहनने के लिए कपड़ा आदि भी उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही हर दिन 8 घंटे उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है.
दो डोमेन के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है:
पहला-रिटेल
दूसरा- इलेक्ट्रॉनिक
क्या कहते हैं युवा
प्रशिक्षण ले रहे युवाओं का कहना है कि पहले हमारे पास कोई हुनर नहीं था. यहां आने के बाद हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. यहां सुविधा बहुत अच्छी है. हमारी हर समस्याओं का आसानी से निपटारा कर दिया जाता है.
युवाओं ने बताया कि यहां रोज थ्योरी और प्रैक्टिकल होता है. हमने यहां पांच वायरिंग सीखी है. साथ ही हॉस्टल वायरिंग जॉब करके भी दिखाया है. यहां पाइप काटना, एक पाइप से दूसरे को जोड़ना, मेजरिंग करके जोड़ना ये सारी चीजें सीखाई जाती हैं.
इन क्षेत्रों के लिए निशुल्क मिलता है प्रशिक्षण
इसके तहत रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य, मोटर वाहन कंपनी, लेदर, इलेक्ट्रिकल आदि में कुशलता दिलवाई जाती है. हालांकि यहां सिर्फ रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक संबंधित प्रशिक्षण दिए जाते हैं.
नौकरी लगने के बाद भी रखते हैं ख्याल
ट्रेनर एजेंसी का काम सिर्फ युवाओं को प्रशिक्षित कराना और रोजगार दिलाना ही नहीं है, बल्कि रोजगार मिलने के बाद उनका ख्याल रखना भी है. युवाओं को समय पर सैलरी मिल रही है या नहीं और कई चीजें है जिसका ध्यान रखा जाता है.
क्या कहते हैं सेंटर प्रबंधक
सेंटर प्रबंधक मोनू कुमार वर्मा ने बताया कि यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से संचालित की जा रही है. इसका नाम दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना है. इसके तहत ग्रामीण युवाओं को हम लोग प्रेरित कर यहां लाते हैं और उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराते हैं. साथ ही कौशल में प्रशिक्षित करते हैं.
यहां दिन में 8 घंटे ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें सॉफ्ट स्किल यानी व्यवहार कौशल, इंग्लिश, कंप्यूटर शिक्षा इत्यादी शामिल हैं. इसके बाद युवाओं को रोजगार भी मुहैया कराया जाता है.