नवादा: बिहार के नवादा जिले के रोह प्रखंड अन्तर्गत सिउर ग्राम पंचायत की मुखिया को राज्य निर्वाचान आयोग ने पदच्युत कर दिया है. मुखिया पूजा कुमारी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर मुखिया बनने का आरोप लगाया गया था. दायर वाद के आलोक में राज्य निर्वाचन आयोग ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पुलिस महानिरीक्षक कमजोर वर्ग, अपराध अनुसंधान विभाग को जांच के लिए लिखा था. अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा जांच में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया.
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क्या है आरोपः पूजा कुमारी 2021 में मुखिया का चुनाव लड़ा था. दांगी जाति का जाति प्रमाण पत्र जमाकर चुनाव लड़ी थी. चुनाव में उसे जीत हासिल हुई. जिसके बाद उनकी प्रतिद्वंद्वी आरती देवी ने निर्वाचित मुखिया पर आरोप लगाया था कि गलत जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ी हैं. पराजित मुखिया आरती देवी ने राज्य निर्वाचन आयोग में वाद 97/2021 दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी.
प्राथमिकी करने का निर्देशः राज्य निर्वाचान आयोग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मुखिया बनी पूजा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश निर्गत किया है, जिससे पदच्युत मुखिया की परेशानी बढ़ गई है. वहीं गलत जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले रोह प्रखंड के तत्कालीन सीओ सोमिया तथा राजस्व कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है.
कोयरी जाति से आती हैं पूजाः बताया जाता है कि पूजा के पिता कटैया गांव निवासी मिथिलेश प्रसाद पूर्व मुखिया यमुना मिस्त्री के कर्ताधर्ता हुआ करते थे. साल 2021 में संपन्न पंचायत चुनाव के दौरान वह अपनी पुत्री पूजा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र बीसी-वन दांगी का बनाकर चुनवा मैदान में उतारा था. उसने राज्य निर्वाचन आयोग में दावा किया था कि पूजा कोयरी जाति से आती है, जो बीसी-टू में आता है.
'एनआरआई बनीं मुखिया' ट्रेंड हुआ था: बताते चलें कि पूजा के पति एनआरआई हैं. शादी के बाद पूजा पति के साथ विदेश भी गई थी. पूजा जब मुखिया निर्वाचित हुई थी तब सोशल मीडिया पर छा गई थी. एनआरआई बनीं मुखिया शीर्षक की खबर खूब ट्रेंड हुआ था. 2021 में मुखिया बनने के लगभग 6 माह पहले ही उसकी शादी हुई थी. वर्ष 2021 में ही पूजा की सास भी पटना जिले से मुखिया निर्वाचित हुई थी.