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कागजों में हेर-फेर से उलझ गया पुल निर्माण.. गांव वालों की गुहार- निर्धारित जगह पर बने ब्रिज - नवादा डुमरी गांव में पुल

नवादा के डुमरी में बन रहे आरसीसी पुल का विवाद लगातार बढ़ रहा है. लोग उसे पुराने निर्धारित जगह पर बनवाने की मांग कर रहे हैं. संवेदक पर आरोप लगा रहे हैं कि कागजों में हेराफेरी कर पुल को दूसरे जगह बनाया जा रहा है.

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Published : Oct 2, 2021, 7:45 PM IST

नवादा: बिहार के नवादा (Nawada) में हिसुआ प्रखंड के डुमरी गांव में बन रहा आरसीसी पुल (RCC Bridge) निर्माण विवाद में दूसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा. 350.06 लाख रुपये की लागत से बन रहे पुल को लेकर ग्रामीणों की कुछ अलग ही मांग है. डुमरी गांव के लोग स्कूल के समीप से ही पुल निर्माण कार्य के लिए अड़े रहे. गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष मिलकर निर्माण स्थल पर पहुंच कार्य आरंभ करने के समर्थन में जुट गये.

यह भी पढ़ें- MP-MLA ने इस गांव की नहीं सुनी गुहार, श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने बनाया पुल

डुमरी व आसपास के ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि जिस जगह के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है, पुल का निर्माण वहीं होना चाहिए. कहा कि 4-5 वर्ष पूर्व ही इस स्थल पर पुल निर्माण के लिए जमीन की पैमाईश हुई थी. यहां पर पुल निर्माण होने से डुमरी गांव सहित विवाद कर रहे अचलपुर, चकपर, तरौनी, मुर्गियाचकदोना डिहुरी सहित अन्य गांवों के लोगों को सहूलियत होगी.

लोगों ने कहा कि यदाकदा एन एच 82 के जाम रहने की स्थिति में राहगीर व पर्यटक भी आते रहते हैं. वैसी स्थिति में यह बाईपास का कार्य करता है. जबकि अचलपुर कहरिया के बीच संपर्क पथ भी नहीं हैं. उक्त पुल निर्माण को लेकर विवाद दोनों ओर देखा जा रहा है.

बता दें कि अचलपुर, चकपर व तरौनी के लोगों ने उक्त पुल को कहरिया बेलदरिया स्थित मलाह थान से अचलपुर चकपर के बीच से गुजरे तिलैया नदी के ऊपर पुल निर्माण के लिए आवाज बुलंद किया था. लोगों का कहना है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार वित्त परियोजना के तहत तिलैया नदी के ऊपर कहरिया बेलदरिया मलाह थान से अचलपुर के लिए बनाया जाना था.

लेकिन संवेदक अब कागजों में हेराफेरी कराकर इसे डुमरी गांव में बना रहा है, जो गलत है. इधर संवेदक ने स्पष्ट बताया था कि योजना में तिलैया नदी के ऊपर टी 01 से कहरिया, कहरिया पथ पर लिखे जाने के कारण परेशानी हुई थी.

शुरूआत में कहरिया बेलदरिया गांव में हीं प्लांट गिरा था जिसपर डुमरी गांव के लोगों ने जनप्रतिनिधियों से शिकायत की थी. जिसपर जांच हुई थी. जांच में पटना से आये अधिकारियों ने अक्षांश, देशांतर के तहत क्लियर किया कि डुमरी गांव में ही पुल बनाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है. वरीय लोगों के आदेश के बाद ही डुमरी गांव में पुल का निर्माण करने के लिए प्लांट गिराया गया है.

यह भी पढ़ें- नवादा: धनार्जय नदी पर ध्वस्त पुल का अब तक नहीं किया गया निर्माण, ग्रामीण परेशान

नवादा: बिहार के नवादा (Nawada) में हिसुआ प्रखंड के डुमरी गांव में बन रहा आरसीसी पुल (RCC Bridge) निर्माण विवाद में दूसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा. 350.06 लाख रुपये की लागत से बन रहे पुल को लेकर ग्रामीणों की कुछ अलग ही मांग है. डुमरी गांव के लोग स्कूल के समीप से ही पुल निर्माण कार्य के लिए अड़े रहे. गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष मिलकर निर्माण स्थल पर पहुंच कार्य आरंभ करने के समर्थन में जुट गये.

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डुमरी व आसपास के ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि जिस जगह के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है, पुल का निर्माण वहीं होना चाहिए. कहा कि 4-5 वर्ष पूर्व ही इस स्थल पर पुल निर्माण के लिए जमीन की पैमाईश हुई थी. यहां पर पुल निर्माण होने से डुमरी गांव सहित विवाद कर रहे अचलपुर, चकपर, तरौनी, मुर्गियाचकदोना डिहुरी सहित अन्य गांवों के लोगों को सहूलियत होगी.

लोगों ने कहा कि यदाकदा एन एच 82 के जाम रहने की स्थिति में राहगीर व पर्यटक भी आते रहते हैं. वैसी स्थिति में यह बाईपास का कार्य करता है. जबकि अचलपुर कहरिया के बीच संपर्क पथ भी नहीं हैं. उक्त पुल निर्माण को लेकर विवाद दोनों ओर देखा जा रहा है.

बता दें कि अचलपुर, चकपर व तरौनी के लोगों ने उक्त पुल को कहरिया बेलदरिया स्थित मलाह थान से अचलपुर चकपर के बीच से गुजरे तिलैया नदी के ऊपर पुल निर्माण के लिए आवाज बुलंद किया था. लोगों का कहना है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार वित्त परियोजना के तहत तिलैया नदी के ऊपर कहरिया बेलदरिया मलाह थान से अचलपुर के लिए बनाया जाना था.

लेकिन संवेदक अब कागजों में हेराफेरी कराकर इसे डुमरी गांव में बना रहा है, जो गलत है. इधर संवेदक ने स्पष्ट बताया था कि योजना में तिलैया नदी के ऊपर टी 01 से कहरिया, कहरिया पथ पर लिखे जाने के कारण परेशानी हुई थी.

शुरूआत में कहरिया बेलदरिया गांव में हीं प्लांट गिरा था जिसपर डुमरी गांव के लोगों ने जनप्रतिनिधियों से शिकायत की थी. जिसपर जांच हुई थी. जांच में पटना से आये अधिकारियों ने अक्षांश, देशांतर के तहत क्लियर किया कि डुमरी गांव में ही पुल बनाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है. वरीय लोगों के आदेश के बाद ही डुमरी गांव में पुल का निर्माण करने के लिए प्लांट गिराया गया है.

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