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नवादा: रूढ़िवादी परंपरा को खत्म करने की कोशिश, दादी की अर्थी को पोतियों ने दिया कंधा - Communist leader's wife dies

कम्युनिस्ट नेता की पत्नी के निधन पर उनकी अर्थी को कंधा उनकी पोतियों और घर की अन्य महिलाओं ने दी. इस मौके पर भाकपा माले नेता भोला पासवान ने महिलाओं की अर्थी को कंधा देने से दूर रखने की परंपरा को रूढ़िवादी परंपरा बताया. साथ ही उन्होंने लोगों से जागरूक होने की अपील की.

Communist leaders wife was given the shoulder by her granddaughters in nawada
Communist leaders wife was given the shoulder by her granddaughters in nawada
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Published : Jul 8, 2020, 9:38 PM IST

नवादा : जिले में बुधवार को कम्युनिस्ट नेता स्व. अखिलेश्वर यादव की 98 साल की पत्नी रामवती देवी का निधन हो गया. वहीं, रामवती देवी की अर्थी को कंधा उनकी पतियों और घर की अन्य महिलाओं ने दी. जबकि मुखाग्नि बेटे एडवोकेट सुरेंद्र कुमार प्रसाद ने दी. इस मौके पर 1 मिनट का मौन धारण कर रामवती देवी को श्रद्धांजलि दी गई.

रामवती देवी की अर्थी को उनकी पतियों और अन्य महिलाओं की ओर से कंधा देने पर भाकपा माले नेता भोला पासवान ने कहा कि समरस समाज में महिलाओं को जहां एक ओर बराबरी का अधिकार दिया जाता है. वहां उन्हें अपने परिजनों की अर्थी को कंधा देना और श्मशान घाट तक जाने पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है? यह रूढ़ीवादी परंपरा है. जिसमें महिलाओं के साथ भेदभाव और अत्याचार हो रहा है. इसीलिए रूढ़िवादी समाज को धता बताते हुए आज बेटियों ने कमर कस अपनी दादी की अर्थी को कंधे पर रख श्मशान घाट पहुंचाया है.

Communist leaders wife was given the shoulder by her granddaughters in nawada
दादी की अर्थी को पोतियों ने दिया कंधा.

लोगों से जागरूक होने की अपील
इसके अलावा भोला पासवान ने कहा कि जब बेटा और बेटियों को समान अधिकार दिया गया है, तो बेटियों को श्राद्ध कर्म के कार्यों से दूर रखना क्या औचित्य है? साथ ही उन्होंने ब्राह्मणवादी व्यवस्था को शोषण का तंत्र बताते हुए महादलित और पिछड़े वर्ग के लोगों से जागरूक होने की अपील की.

नवादा : जिले में बुधवार को कम्युनिस्ट नेता स्व. अखिलेश्वर यादव की 98 साल की पत्नी रामवती देवी का निधन हो गया. वहीं, रामवती देवी की अर्थी को कंधा उनकी पतियों और घर की अन्य महिलाओं ने दी. जबकि मुखाग्नि बेटे एडवोकेट सुरेंद्र कुमार प्रसाद ने दी. इस मौके पर 1 मिनट का मौन धारण कर रामवती देवी को श्रद्धांजलि दी गई.

रामवती देवी की अर्थी को उनकी पतियों और अन्य महिलाओं की ओर से कंधा देने पर भाकपा माले नेता भोला पासवान ने कहा कि समरस समाज में महिलाओं को जहां एक ओर बराबरी का अधिकार दिया जाता है. वहां उन्हें अपने परिजनों की अर्थी को कंधा देना और श्मशान घाट तक जाने पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है? यह रूढ़ीवादी परंपरा है. जिसमें महिलाओं के साथ भेदभाव और अत्याचार हो रहा है. इसीलिए रूढ़िवादी समाज को धता बताते हुए आज बेटियों ने कमर कस अपनी दादी की अर्थी को कंधे पर रख श्मशान घाट पहुंचाया है.

Communist leaders wife was given the shoulder by her granddaughters in nawada
दादी की अर्थी को पोतियों ने दिया कंधा.

लोगों से जागरूक होने की अपील
इसके अलावा भोला पासवान ने कहा कि जब बेटा और बेटियों को समान अधिकार दिया गया है, तो बेटियों को श्राद्ध कर्म के कार्यों से दूर रखना क्या औचित्य है? साथ ही उन्होंने ब्राह्मणवादी व्यवस्था को शोषण का तंत्र बताते हुए महादलित और पिछड़े वर्ग के लोगों से जागरूक होने की अपील की.

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