नवादा: बिहार में शिक्षा व्यवस्था सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है. कुछ ऐसा ही हाल नवादा जिले का भी है. जहां शिक्षकों को न बच्चों के भविष्य की चिंता है और न ही अपनी नौकरी से हाथ धोने का. जी हां, हम बात कर रहे हैं जिले के नवादा सदर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव दलदलाह जगतपुर के नव सृजित विद्यालय की. जहां ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के गिरते स्तर के कारणों की पड़ताल के दौरान स्कूल को बंद पाया.
क्या कहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय साल में दो-तीन महीने ही खुलता है. बाकी दिन तो बंद ही रहता है. विद्यालय में ना तो खाना बन रहा है और ना ही पैसा मिल रहा है. छह महीनों से ऐसी हालात है कि शिक्षक दो-चार दिन आते हैं, फिर गायब हो जाते हैं. जब मास्टर ही नहीं है तो बच्चे कैसे आएंगे? ग्रामीण संजय रजवार का कहना है शिक्षक पिछले 6-7 महीने से नहीं आ रहे हैं. सिर्फ हाजिरी बनाने आते हैं और फिर चले जाते हैं. तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र राहुल का कहना है कि जब स्कूल ही नहीं खुलता है तो पढ़ने कहां जाएंगे?
ईटीवी भारत का प्रयास लाया रंग
मामले की जानकारी ईटीवी भारत ने जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी को दी. उसके बाद उन्होंने संज्ञान लिया. पदाधिकारी का कहना है कि संबंधित शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. बीईओ को स्थल जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.