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नालंदा: ग्रामीणों ने किया अंचलाधिकारी का पुतला दहन, मनमानी का लगाया आरोप

विरोध रैली के अस्थावां पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी का पुतला दहन भी किया. साथ ही ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी पर मनमानी रवैया अपनाने और सरकार को बदनाम करने संबंधी आरोप लगाते लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया.

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Published : Nov 13, 2019, 9:43 PM IST

अंचलाधिकारी का पुतला दहन

नालंदा: जिले में अधिकारियों की मनमानी के विरोध में आंदोलन शुरू हो गया है. बुधवार को अस्थावां प्रखंड के अंचलाधिकारी की मनमानी रवैया के विरोध में बलवापर गांव से अस्थावां तक विरोध मार्च निकाला गया. विरोध रैली के अस्थावां पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी का पुतला दहन भी किया. साथ ही ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी पर मनमानी रवैया अपनाने और सरकार को बदनाम करने संबंधी आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया.

नालंदा
अंचलाधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण

'कार्यालय का लगाना पड़ता है चक्कर'
गौरतलब है कि आंदोलन के माध्यम से लोगों ने अंचलाधिकारी का तबादला करने की मांग रखी. साथ ही मौके पर ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांगे नहीं माने जाने पर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन भी किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अंचलाधिकारी की ओर से वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और जमीन का दाखिल खारिज सहित अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीणों को बार-बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. साथ ही लोगों ने कहा कि अंचलाधिकारी के उदासीन रवैये के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों ने किया अंचलाधिकारी का पुतला दहन

'किसानों को तंग करना है नियति'
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कहा कि किसानों को तंग तक करना इनकी नियति बन चुकी है. अंचलाधिकारी ने वर्ष 2019 के बाढ़ का फर्जी रिपोर्ट सरकार को भेज दिया गया जिससे ग्रामीणों के साथ सरकार की भी फजीहत हुई. जब से अंचलाधिकारी का पदस्थापन किया गया समस्याएं बढ़ती जा रही है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अंचलाधिकारी को हटाने के लिए समस्त उच्च पदाधिकारियों को आवेदन दिया जा चुका है.

नालंदा: जिले में अधिकारियों की मनमानी के विरोध में आंदोलन शुरू हो गया है. बुधवार को अस्थावां प्रखंड के अंचलाधिकारी की मनमानी रवैया के विरोध में बलवापर गांव से अस्थावां तक विरोध मार्च निकाला गया. विरोध रैली के अस्थावां पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी का पुतला दहन भी किया. साथ ही ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी पर मनमानी रवैया अपनाने और सरकार को बदनाम करने संबंधी आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया.

नालंदा
अंचलाधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण

'कार्यालय का लगाना पड़ता है चक्कर'
गौरतलब है कि आंदोलन के माध्यम से लोगों ने अंचलाधिकारी का तबादला करने की मांग रखी. साथ ही मौके पर ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांगे नहीं माने जाने पर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन भी किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अंचलाधिकारी की ओर से वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और जमीन का दाखिल खारिज सहित अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीणों को बार-बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. साथ ही लोगों ने कहा कि अंचलाधिकारी के उदासीन रवैये के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों ने किया अंचलाधिकारी का पुतला दहन

'किसानों को तंग करना है नियति'
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कहा कि किसानों को तंग तक करना इनकी नियति बन चुकी है. अंचलाधिकारी ने वर्ष 2019 के बाढ़ का फर्जी रिपोर्ट सरकार को भेज दिया गया जिससे ग्रामीणों के साथ सरकार की भी फजीहत हुई. जब से अंचलाधिकारी का पदस्थापन किया गया समस्याएं बढ़ती जा रही है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अंचलाधिकारी को हटाने के लिए समस्त उच्च पदाधिकारियों को आवेदन दिया जा चुका है.

Intro:नालंदा। अधिकारियों के मनमानी विरोध में आंदोलन शुरू हो गया है । आज अस्थावां प्रखंड के अंचलाधिकारी के मनमानी रवैया के विरोध में बलवापर गांव से एक रैली निकली जो कि अस्थावां तक गई और अस्थावां पहुंचने के बाद अंचल अधिकारी का पुतला दहन किया गया। अंचलाधिकारी पर मनमानी रवैया अपनाने, सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन किया गया। इस आंदोलन के माध्यम से अंचल अधिकारी का तबादला करने की मांग रखी गई नहीं तो आने वाले दिनों में और भी उग्र आंदोलन करने की बात कही।


Body:प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अंचल अधिकारी द्वारा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, जमीन का दाखिल खारिज सहित अन्य समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा काम कराने के लिए बार-बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है लेकिन अंचल अधिकारी द्वारा उन्हें लगातार दौड़ाने का काम किया जाता है। उसके बावजूद भी ग्रामीणों का काम नहीं हो पाता। किसानों को तंग तक करना इनकी नियति बन चुकी है। वर्ष 2019 में आई बाढ़ के बाद इनके द्वारा 2017 का रिपोर्ट सरकार को भेज दिया गया, जिससे ग्रामीणों को तो परेशानी हो ही रही है, सरकार की भी फजीहत हुई। तालाब में डूब कर मरने वाले की घटना बीते 8 माह से अधिक हो गया है लेकिन मुआवजा अब तक नहीं दिया गया। जब से अंचल अधिकारी का पदस्थापन किया गया समस्याएं बढ़ती जा रही है । अंचल अधिकारी को हटाने के लिए समस्त उच्च अधिकारी को आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है । अधिकारी के कारण सरकार की बदनामी हो रही है इसलिए इसे तत्काल हटाना चाहिए।
बाइट। त्रिनयन कुमार, प्रदेश महासचिव जदयू किसान प्रकोष्ठ


Conclusion:
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