नालंदा: बिहार के नालंदा में बिहारशरीफ व्यवहार (Biharsharif court decision) न्यायालय के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार शुक्ला ने शराब के अवैध कारोबार मामले में दंपति समेत तीन लोगों को आज आठ-आठ साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा सभी दोषियों को सात-सात लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान रखा गया है.
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उत्पाद अधिनियम के तहत सुनाई गई सजा: दोषियों में परबलपुर थाना अंतर्गत रामचंद्रपुर ग्राम निवासी अनिल सिंह, पत्नी देवशीला देवी एवं मणी सिंह शामिल हैं. मामला परबलपुर थाना का है. जिसमें बिहार मद्य निषेघ एवं संशोधित उत्पाद अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई है. साक्ष्य के आभाव में राहुल कुमार सिंह को पूर्व में ही बरी किया जा चुका था.
तीनों अभियुक्त शराब के धंधे में लिप्त थे: अभियोजन पक्ष की ओर से उत्पाद न्यायालय के स्पेशल पीपी रमाशंकर प्रसाद ने सजा के बिंदु पर बहस करते हुए कहा कि तीनों अभियुक्त शराब के धंधे में प्रत्यक्ष रूप से शामिल रहें हैं. वहीं मणी सिंह पूर्व में परबलपुर थाना काण्ड आईपीसी एवं आर्मसएक्ट के आरोपी है. जिसका न्यायालय में मामला चल रहा है. पीपी ने यह भी कहा कि वर्तमान में सभी दोषी परिवार के लोग दबंग प्रवृति के हैं. इसलिए इनकी सजा अधिक से अधिक दिया जाये.
घर से मिला था 6738 लीटर देसी शराब: न्यायालय में ट्रायल के दौरान वादी थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी निलाभ कृष्ण सहित पांच साक्षियों का परीक्षण करवाया गया. जिसमें सभी साक्षियों ने घटना का समर्थन के साथ-साथ अभियुक्तों की पहचान भी की थी. मालूम हो कि विगत 22 मार्च 2021 को एक गुप्त सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी परबलपुर नालंदा निलाभ कृष्ण द्वारा अनिल सिंह एवं मणि सिंह के घर में छापेमारी की गयी थी. जहां से 6738 लीटर देसी शराब बरामद किया गया था. बता दें कि साल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. इसको लेकर लगातार कार्रवाई भी की जाती है.