नालंदा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में विकास का डंका पीट रहे हैं. विकास के नाम पर बिहार में एनडीए जीत का दावा ठोक रही है. वहीं नालंदा जिले के चंडी प्रखण्ड का गांव कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है. गांव के लोगों ने विकास नहीं होने की बात कहते हुए इस बार के लोकसभा चुनाव में वोट से दूरी बनाने की बात की है.
गांव में जगह-जगह लगा दिया बैनर
ग्रामीणों द्वारा गांव के दीवारों पर बैनर भी लगा दिया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव में विकास नाम का कोई चीज नहीं है. गांव में न तो सड़क है, न पानी, नालियां ऊफान पर हैं. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
नीतीश कुमार के पैतृक घर से महज 6 कि.मी. दूर है यह गांव
हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक घर कल्याणबीघा से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा हरनौत विधानसभा का टाण्डापर गांव विकास की रौशनी से महरूम है. इस गांव की कुल जनसंख्या 1200 है. जिसमें हर समाज-जाति के लोग है. लेकिन, गांव में सड़क का निर्माण करीब 20 साल पहले हुआ था, उसके बाद एकबार भी मरम्मत नहीं हुई. जिसके कारण इस गांव में आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इतना ही नहीं मुहाने नदी से जुड़े इस गांव का पैन पूरी तरह से भर गया है. पैन की उड़ाही नहीं होने के कारण नाले का पानी गांव में ही भरा रहता है. जिसके कारण कई प्रकार की बीमारी होने का खतरा भी मंडराता रहता है. इन समस्या को लेकर ग्रामीण द्वारा कई बार शिकायत की गई. लेकिन, समस्या जस का तस है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
अब जब चुनाव होना है तो ग्रामीणों ने इस बार वोट नहीं देने का नारा बुलंद किया है. ग्रामीणों की शिकायत है कि जब हमारी समस्या ही दूर नहीं की जा रही है तो वे क्यों वोट दें.