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नालंदा: नामांकन में अधिक फीस लेने का छात्रों ने किया विरोध, जमकर किया हंगामा

कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि यह रेट चार्ट हम नहीं बल्कि विश्वविद्यालय तय करता है. विश्वविद्यालय के निर्देश पर ही हम नामांकन फीस लेते हैं.

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Published : Jun 6, 2019, 10:42 PM IST

छात्र

नालंदा: जिले को शुरू से ही शिक्षा माफियाओं का गढ़ माना जाता है. सरकारी शिक्षण संस्थान से लेकर प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं तक सभी शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सोहसराय थाना इलाके के सरकारी किसान कॉलेज की है. जहां नामांकन के नाम पर अवैध रुपये लिए जाने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा किया.

छात्रों ने किया विरोध
गौरतलब है कि बीए के प्रथम सत्र में नामांकन में नालंदा के किसान कॉलेज में लड़कियों से 700 और लड़कों से 1750 रुपए नामांकन के नाम पर लिया जा रहा है. जबकि दूसरे कॉलेजों में नामांकन के नाम पर छात्र-छात्राओं से 300 रुपया लिया जा रहा. छात्र-छात्राओं ने जब इसका विरोध किया तो कॉलेज प्रबंधन ने इसे विश्वविद्यालय सेटअप की बात कहकर मामले को टाल दिया.

छात्र नेता और कॉलेज प्रबंधन का बयान

कॉलेज प्रबंधन ने आरोप को बताया बेबुनियाद
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि यह रेट चार्ट हम नहीं बल्कि विश्वविद्यालय तय करता है. विश्वविद्यालय के निर्देश पर ही हम नामांकन फीस लेते हैं. छात्र-छात्राओं ने जो आरोप लगाया है वह गलत और बेबुनियाद है.

नालंदा: जिले को शुरू से ही शिक्षा माफियाओं का गढ़ माना जाता है. सरकारी शिक्षण संस्थान से लेकर प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं तक सभी शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सोहसराय थाना इलाके के सरकारी किसान कॉलेज की है. जहां नामांकन के नाम पर अवैध रुपये लिए जाने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा किया.

छात्रों ने किया विरोध
गौरतलब है कि बीए के प्रथम सत्र में नामांकन में नालंदा के किसान कॉलेज में लड़कियों से 700 और लड़कों से 1750 रुपए नामांकन के नाम पर लिया जा रहा है. जबकि दूसरे कॉलेजों में नामांकन के नाम पर छात्र-छात्राओं से 300 रुपया लिया जा रहा. छात्र-छात्राओं ने जब इसका विरोध किया तो कॉलेज प्रबंधन ने इसे विश्वविद्यालय सेटअप की बात कहकर मामले को टाल दिया.

छात्र नेता और कॉलेज प्रबंधन का बयान

कॉलेज प्रबंधन ने आरोप को बताया बेबुनियाद
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि यह रेट चार्ट हम नहीं बल्कि विश्वविद्यालय तय करता है. विश्वविद्यालय के निर्देश पर ही हम नामांकन फीस लेते हैं. छात्र-छात्राओं ने जो आरोप लगाया है वह गलत और बेबुनियाद है.

Intro:नालन्दा जिले में शुरू से शिक्षा माफियो का गढ़ माना जाता है यहीं कारण है कि इस इलाके में कुकुरमुत्ता की तरह आईटीआई, कोचिंग संस्थान और प्राइवेट स्कूलों की भरमार है। इस जिले में सरकारी शिक्षण संस्था से लेकर प्राइवेट शिक्षक संस्थाओं तक शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। Body:ऐसा ही कुछ ताजा मामला सोहसराय थाना क्षेत्र इलाके स्थित सरकारी किसान कॉलेज की है जहां नामांकन के नाम पर अवैध रुपए लिए जाने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने जम कर हंगामा किया और कॉलेज को भी बंद करवाया।गौरतलब है कि बीए के प्रथम सत्र में नामांकन में हो रही गड़बड़ी व किसान कॉलेज में लड़कियों से 700 और लड़कों से 1750 रुपए नामांकन के नाम पर लिया जा रहा है जबकि दूसरे कॉलेज में नामांकन के नाम पर छात्र-छात्राओं से 300 रुपया लिया जा रहा जबकि जब इसका विरोध छात्र-छात्राओं ने किया तो कॉलेज प्रबंधन के द्वारा इसे विश्वविद्यालय सेटअप की बात कहकर मामले को टाल दिया।

बाइट-- राजबीर छात्र नेता
बाइट-- अशोक कुमार कॉलेज प्रवंधन
बाइट-- नेहा कुमारी छात्राConclusion:कॉलेज प्रवंधन के द्वारा बताया गया कि यह रेट चार्ट हम नही बल्कि विश्वविद्यालय तय करता है और उसके निर्देश पर ही नामांकन फीस लेते है।छात्र छात्राओं के द्वारा लगाया गया आरोप गलत और वेवूनियाद है। कॉलेज छात्र नेता के द्वारा छात्र छात्रों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। छात्र छात्रों के द्वारा किये जा रहे हंगामे से नाराज होकर कॉलेज प्रवंधन ने कॉलेज को ही बंद कर देने की बात कहीं।


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