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नालंदा में रेडिमेड गारमेंट्स कारखाने की शुरुआत, जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

नालंदा जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर प्रदान होंगे. इस उद्योग के संस्थापक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व में भी वे यहां पर पहुंचे थे, तब यहां काफी कम मशीनें लगाई गई थीं. वहीं अब एक बहुत बड़ी मशीन यहां पर लगाई गई है.

नालंदा
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Published : Sep 12, 2020, 8:44 PM IST

नालंदा: उद्योगों की कमी के कारण रोजी-रोजगार के लिए लोग पलायन करने पर मजबूर होते हैं. इसी समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा लागू नई नीति के कारण उद्योगों को काफी बढ़ावा मिल रहा है. यही वजह है कि अब नालंदा में ऋण प्राप्त कर लोग उद्योग की स्थापना कर रहे हैं. इससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं. इसी क्रम में बिहारशरीफ के मेहनौर में रेडीमेड गारमेंट फैक्ट्री की स्थापना की गई है. बैंक से वित्त प्रदत इस उद्योग की स्थापना की गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नालंदा जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर प्रदान होंगे. इस उद्योग के संस्थापक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व में भी वे यहां पर पहुंचे थे, तब यहां काफी कम मशीनें लगाई गई थीं. वहीं अब एक बहुत बड़ी मशीन यहां पर लगाई गई है. जिसके माध्यम से कपड़े में लोगों या अन्य प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा. साथ ही बेहतर डिजाइन के कपड़े भी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे.

नालंदा
रेडिमेड गारमेंट्स के कारीगर

'उद्योगों की स्थापना से मिलेगा रोजगार'
इस उद्योग के संस्थापक ओंकार शर्मा ने बताया कि फिलहाल यहां 80 मशीनें लगाई गई हैं. इसमें करीब 150 मजदूर काम कर रहे हैं. वहीं इनके यहां कार्यरत अधिकांश ऐसे मजदू हैं, जो लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से अपने घर को वापस लौटे हैं. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में हमनें 300 लोगों को काम देने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल अब तक इस उद्योग की स्थापना में ढाई करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. इस प्रकार के उद्योगों की स्थापना से जहां एक ओर लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. वहीं रोजगार के अवसर भी प्रदान करने का काम कर रहे हैं.

नालंदा
रेडिमेड गारमेंट कारखाने का शुभारंभ

नालंदा: उद्योगों की कमी के कारण रोजी-रोजगार के लिए लोग पलायन करने पर मजबूर होते हैं. इसी समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा लागू नई नीति के कारण उद्योगों को काफी बढ़ावा मिल रहा है. यही वजह है कि अब नालंदा में ऋण प्राप्त कर लोग उद्योग की स्थापना कर रहे हैं. इससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं. इसी क्रम में बिहारशरीफ के मेहनौर में रेडीमेड गारमेंट फैक्ट्री की स्थापना की गई है. बैंक से वित्त प्रदत इस उद्योग की स्थापना की गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नालंदा जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर प्रदान होंगे. इस उद्योग के संस्थापक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व में भी वे यहां पर पहुंचे थे, तब यहां काफी कम मशीनें लगाई गई थीं. वहीं अब एक बहुत बड़ी मशीन यहां पर लगाई गई है. जिसके माध्यम से कपड़े में लोगों या अन्य प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा. साथ ही बेहतर डिजाइन के कपड़े भी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे.

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रेडिमेड गारमेंट्स के कारीगर

'उद्योगों की स्थापना से मिलेगा रोजगार'
इस उद्योग के संस्थापक ओंकार शर्मा ने बताया कि फिलहाल यहां 80 मशीनें लगाई गई हैं. इसमें करीब 150 मजदूर काम कर रहे हैं. वहीं इनके यहां कार्यरत अधिकांश ऐसे मजदू हैं, जो लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से अपने घर को वापस लौटे हैं. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में हमनें 300 लोगों को काम देने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल अब तक इस उद्योग की स्थापना में ढाई करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. इस प्रकार के उद्योगों की स्थापना से जहां एक ओर लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. वहीं रोजगार के अवसर भी प्रदान करने का काम कर रहे हैं.

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रेडिमेड गारमेंट कारखाने का शुभारंभ
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