नालंदा: बिहार सरकार भले ही शराबबंदी की सफलता की ढोल पीट रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह क्षेत्र नालंदा में ही शराब का कारोबार और शराब बनाने का काम लगातार जारी है. उत्पाद विभाग की टीम दीपनगर थाना क्षेत्र के तुंगी गांव में छापेमारी कर 4 महिला और दो पुरुष को शराब के साथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद महिला शराब तस्कर ने कहा कि अगर सरकार शराबबंदी की है, तो महिलाओं को रोजगार भी मुहैया कराए. रोजगार नहीं रहने के कारण हम लोग शराब के धंधे में लिप्त हैं और शराब बनाने का काम कर रहे हैं. क्योंकि हमारे पास रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है.
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शराब कारोबारी गिरफ्तार : गिरफ्तारी के बाद भी महिलाओं के चेहरे पर कोई शिकन नहीं देखने को मिली. क्योंकि महिला साफ लफ्जों में कह रही थी कि रोजगार नहीं रहने के कारण ही हम लोग शराब बनाने का काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि ऐसा कोई भी दिन नहीं है. जहां जिले में हर रोज दर्जनों से अधिक लोग शराब के मामले में पकड़े नहीं जाते हों. गौरतलब है कि हाल ही में छपरा में जहरीली शराब कांड में कई लोगों की मौत के बावजूद शराब कारोबारी नहीं चेत रहे हैं.
जहरीली शराब पीकर कई लोगों की हो चुकी है मौत : इस साल के शुरुआत में ही नालंदा जिले में एक दर्जन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी. कार्रवाई भी की गई. समय-समय पर इसको लेकर अक्सर छापेमारी भी की जाती है. शराब बनाने का उपकरण और अन्य सामान बरामद किए जाते हैं. उस पर भी शराब कारोबारी बाज नहीं आते हैं. कहीं ऐसा न हो कि नए साल का जश्न इस साल की शुरुआत वाले कांड को वापस दोहराए. समय रहते जिला प्रशासन सचेत नहीं होगा तो फिर कोई बड़ी अप्रिय घटना घट सकती है.
छपरा जहरीली शराब कांड: गौरतलब है कि छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 73 है. सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें हुईं हैं. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 150 से ज्यादा धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है. मामले में मनवाधिकार की टीम भी लगातार जांच कर रही है.