नालंदा: अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर कभी देशी, विदेशी सैलानियों से गुलजार हुआ करता था, आज यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. सावन में पूरे एक माह तक राजगीर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच कर गर्म जल की धारा, ब्रह्मकुंड में स्नान कर अपनी थकान मिटाते हैं. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पूरे राजगीर में आज सन्नाटा पसरा हुआ है. गर्म जल के कुंड और धारा में जाने वाले जगहों पर ताला लटका हुआ है.
नहीं हो सका श्रावणी मेला का आयोजन
बता दें कि बाबा धाम जाने वाले श्रद्धालु बड़ी तादाद में राजगीर होकर वापस अपने घर लौटते हैं. प्रत्येक दिन हजारों कांवरियों की लगने वाली भीड़ के कारण श्रावणी मेला का आयोजन होता है. इससे यहां के हजारों लोगों का रोजी रोजगार चलता है. करीब 150 से 200 पंडा के साथ साथ छोटे छोटे दुकानदार जिनकी संख्या करीब 1,000 के आस पास है, पर्यटक और श्रद्धालु पर ही निर्भर रहते हैं. लेकिन इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हो सका.
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे लोग
बता दें कि कोरोना संकट के कारण श्रावणी मेला पर ग्रहण लग गया है. पर्यटक और श्रद्धालुओं का आगमन नहीं हो रहा है. इसके कारण यहां एक माह तक लगने वाले मेला के कमाई से परिवार का जीवन यापन चलाने वाले लोगों पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं राजगीर के पंडा और इन दुकानदारों के लिए अब तक सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है. जिसके कारण लोगों को गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.