नालंदा: बिहार के नालंदा स्थित बिहारशरीफ सदर अस्पताल में शराबियों के हंगामें से अस्पताल के कर्मी परेशान (Hospital workers upset due to ruckus of alcoholics) होते रहते हैं. बिहार में पूर्ण शराब बंदी की हकीकत देखना या जानना है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में आएं. यहां नशे में धुत शराबी कभी अस्पताल, कभी थाने या फिर सड़कों पर किस ड्रामा करते मिल जाएंगे. इसे देखकर शराबंदी वाले बिहार के दावों को खोखले साबित होते हैं.
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112 नंबर की आपात सेवा शराबियों को पहुंचा जाती है अस्पतालः ताजा मामला बिहार शरीफ सदर अस्पताल का है. यहां आए दिन पुलिस शराब के नशे में गिरे हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा जाते है. कोई ऐसा दिन नहीं है जब 112 नंबर की आपात सेवा वाहन शराब के नशे में धुत व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल न पहुंचाती हो. हद तो तब हो गई जब एक नशेड़ी शराब के नशे में इमरजेंसी वार्ड में ही गिरा नजर आया. बताया जाता है कि इस नशेड़ी को भी पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल लाया था. यहां इलाज करने के दौरान शराबी ने कर्मियों के साथ खूब गाली-गलौज व हंगामा किया. इसके बाद वह फर्श पर गिर कर वहीं पड़ा रहा.
अस्पताल में शराबी कर्मियों के साथ करते हैं गाली-गलौजः अस्पताल के कर्मियों की माने तो नशे में धुत व्यक्ति को पुलिस ने यहां पहुंचा तो देती है. मगर उसके इलाज करने में यहां के कर्मियों को काफी परेशानी होती है. क्योंकि शराबी कर्मियों को भी गाली देता है और पुलिस शराबी को अस्पताल पहुंचाकर निकल जाती है. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में शराबबंदी का कितना असरदार है.