नालंदा: नालंदा में थानाध्यक्ष की शाही विदाई समारोह का आयोजन किया गया. विदाई ऐसी मानों शादी समारोह की तरह दूल्हा अपनी दुल्हन को लाने जा रहा हो. दरअसल राजगीर के निवर्तमान थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मो. मुश्ताक अहमद को राजगीर वासियों द्वारा सोमवार को विदाई समारोह का आयोजन कर उन्हें विदाई दी गई. राजगीर के निजी सभागार में समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और आमलोग जुटे जहां सभी ने एक साल में किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए पदाधिकारी की सराहना की.
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थानाध्यक्ष की शाही विदाई: इंस्पेक्टर मुश्ताक अहमद दीपनगर थाना से बदलकर 12 सितंबर 2022 को राजगीर थाना में अपना योगदान दिया था. एक साल में ही उन्होंने अपने कर्तव्य के बल पर ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि वह राजगीर वासियों के दिलों में बस गए. इसी का परिणाम है कि उनके विदाई के पल में पूरा राजगीर उमर पड़ा. मुश्ताक राजगीर के निवर्तमान थानाध्यक्ष के साथ-साथ नालंदा पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. मो. मुश्ताक की प्रतिनुक्ति बिहार एसटीएफ में हो गई है.
शाही राथ में बैठकर नगर भ्रमण: राजगीर के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी पदाधिकारी को इस तरह से शाही विदाई दी गई है. शाही रथ पर बैठाकर मुश्ताक को नगर का भ्रमण कराया गया. जिनके आगे घुड़सवार और पीछे आधा दर्जन रथ और पैदल चलते लोग नगर भ्रमण में शामिल हुए. नगर भ्रमण के दौरान राजगीर वासियों ने जगह-जगह पर रथ को रुकवा कर अपने पदाधिकारी को फूल माला पहनाकर विदाई दी. उन्हें एक बार फिर से प्रमोशन लेकर राजगीर की सेवा करने की भी बात कही.
थानाध्यक्ष की बाते सुन आंखे हो जाएंगी नम: नगर वासियों ने कहा कि किसी भी समस्या को लेकर कोई भी शख्स बड़े ही आराम से थाने पहुंचकर अपनी बात थाना अध्यक्ष के पास रखता था. किसी पैरवीकार का सहारा नहीं लेना पड़ता था. इंस्पेक्टर मुश्ताक अहमद ने इस दौरान कहा कि यह राजगीर वासियों के सहयोग से ही संभव हो सका है कि क्षेत्र में शांति, लॉ एंड आर्डर या किसी धार्मिक पर्व त्योहार का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सका है. उन्होंने राजगीर वाशियों से कहा कि आप कभी हमें अलविदा नहीं कहना.
"राजगीर वासियों की मदद से ही क्षेत्र में शांति, लॉ एंड आर्डरका सही तरीके से पालन संभव हो सका है. उन्ही की वजह से किसी भी धार्मिक पर्व त्योहार का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से पूरा हुआ है. आप कभी हमें अलविदा नहीं कहना."-मुश्ताक अहमद, थानाध्यक्ष, राजगीर, नालंदा