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कोरोना ने लगाया राजगीर मलमास मेले पर ग्रहण, इस बार नहीं होगा आयोजित

राजगीर में आयोजित होने वाला मलमास मेला को कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया है. हालांकि, पंडा समिति को मलमास के दौरान ध्वजारोहण की अनुमति दी गई है.

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Published : Sep 16, 2020, 10:50 PM IST

नालंदा: अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर का विश्व प्रसिद्ध मलमास मेला स्थगित कर दिया गया है. प्रत्येक 3 वर्ष पर लगने वाला मलमास का मेला इस बार 18 सितंबर से शुरू होने वाला था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण मेला पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया है. बता दें कि मलमास के दौरान राजगीर के गर्म कुंड के झरने में स्नान का विशेष महत्व होता है.

बताया जाता है कि पंडा समिति को मलमास के दौरान ध्वजारोहण की अनुमति दी गई है. कमेटी के सदस्यों के द्वारा ध्वजारोहण कर मलमास की शुरुआत की जाएगी. लेकिन इसके अलावा अन्य किसी प्रकार के मेला, खेल, तमाशा, स्नान पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है.

कुंड में करने से होता है पुण्य
धार्मिक मान्यता के अनुासर मलमास के दौरान राजगीर में 33 करोड़ देवी देवता का प्रवास होता है. 1 माह तक चलने वाले मलमास के दौरान राजगीर के कुंड और झरने में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु, साधु-संत राजगीर आते है और कुंड में स्नान कर पुण्य कमाते है.

देखें रिपोर्ट

स्नाना के लिए खुलेगा कुंड परिसर
पंडा समाज के द्वारा कोविड-19 के सभी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने की बात कही गई है. कुंड परिसर स्नाना के लिए खुला नहीं रहेगा. मलमास के मेला के स्थगन का बिहार के सभी जिलों के जिला अधिकारी को भी पत्र के माध्यम से सूचना भेज दिया गया है. इसके अलावा इस आशय का प्रचार-प्रसार भी किया गया है. ताकि लोगों की भीड़ ना जुट सके.

नालंदा: अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर का विश्व प्रसिद्ध मलमास मेला स्थगित कर दिया गया है. प्रत्येक 3 वर्ष पर लगने वाला मलमास का मेला इस बार 18 सितंबर से शुरू होने वाला था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण मेला पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया है. बता दें कि मलमास के दौरान राजगीर के गर्म कुंड के झरने में स्नान का विशेष महत्व होता है.

बताया जाता है कि पंडा समिति को मलमास के दौरान ध्वजारोहण की अनुमति दी गई है. कमेटी के सदस्यों के द्वारा ध्वजारोहण कर मलमास की शुरुआत की जाएगी. लेकिन इसके अलावा अन्य किसी प्रकार के मेला, खेल, तमाशा, स्नान पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है.

कुंड में करने से होता है पुण्य
धार्मिक मान्यता के अनुासर मलमास के दौरान राजगीर में 33 करोड़ देवी देवता का प्रवास होता है. 1 माह तक चलने वाले मलमास के दौरान राजगीर के कुंड और झरने में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु, साधु-संत राजगीर आते है और कुंड में स्नान कर पुण्य कमाते है.

देखें रिपोर्ट

स्नाना के लिए खुलेगा कुंड परिसर
पंडा समाज के द्वारा कोविड-19 के सभी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने की बात कही गई है. कुंड परिसर स्नाना के लिए खुला नहीं रहेगा. मलमास के मेला के स्थगन का बिहार के सभी जिलों के जिला अधिकारी को भी पत्र के माध्यम से सूचना भेज दिया गया है. इसके अलावा इस आशय का प्रचार-प्रसार भी किया गया है. ताकि लोगों की भीड़ ना जुट सके.

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