नालंदा: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहे पर धरना दिया गया. धरना के माध्यम से केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया कि लोगों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है. देश में रोजगार के अवसर को खत्म कर देश की अर्थव्यवस्था को चौपट किया गया है.
'देश की अर्थव्यवस्था चरमराई'
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष राजकुमार पासवान ने कहा कि सरकार अपने वादे पर खड़ी नहीं उतरी. यही वजह है कि इस प्रकार के कानून को लाकर देश को अस्थिर करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में 10 करोड़ लोगों को रोजगार से बेदखल कर दिया गया है. सभी विभागों को ठेकेदार के हाथों बेच दिया गया है. साथ ही निजीकरण करने का काम किया जा रहा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
'वापस लेना होगा यह कानून'
राजकुमार पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून लाकर देश को धार्मिक कट्टरवाद की आग में लोगों को झोंकना चाहते हैं. घृणा और द्वेष का माहौल पैदा हो रहा है. सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेना चाहिए. क्योंकि देश की आजादी में जहां चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाकउल्ला खान का योगदान रहा.
वहीं आधुनिक भारत के निर्माण में राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और अब्दुल हामिद का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि भारत की एकता और अखंडता तथा बाबा साहेब द्वारा बनाया गया संविधान ही देश की पहचान है. इसलिए सरकार को यह कानून वापस लेना होगा.