नालंदा: जिले में स्नातक निर्वाचन चुनाव को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. यह चुनाव अप्रैल 2020 में होना हैं. ऐसे में नालंदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने स्नातक अधिकार मंच के बैनर तले चुनाव लड़ने की घोषणा की. इस मौके पर उनके साथ मंच के कई गणमाण्य लोग मौजूद रहे.
'वोट लेने के बाद भूल जाते हैं नेता'
मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्नातक सीट से जीतने वाले जितने भी प्रत्याशी रहे हैं वे स्नातकों का वोट लेकर उन्हें भूल जाते हैं. जो भी प्रत्याशी विधान पार्षद बन कर सदन में बैठे हैं, आज तक उन्होंने कभी सदन में स्नातकों की बदहाली की चर्चा नहीं की है.
'समाज की उपेक्षा कर रहे हैं विजेता'
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि यह क्षेत्र तीन जिला पटना, नालंदा, नवादा को मिलाकर बनाया गया है. जिसमें सबसे अधिक पढ़े लिखे की संख्या पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की आती है. लेकिन फिर भी इस सीट से जीतने के बाद सभी विजेता इस समाज की उपेक्षा करते हैं.
स्नातक आयोग का हो गठन
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि स्नातक तक की पढ़ाई के बावजूद युवा बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को सौ दिन काम की गारंटी दिया जाता है. काम नहीं मिलने पर मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया जाता. उसी तर्ज पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए. उन्होंने स्नातक की हित की रक्षा के लिए स्नातक आयोग के गठन की मांग की.