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स्नातक चुनाव की गतिविधियां तेज, नालंदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने MLC पर लगाया अनदेखी का आरोप

मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्नातक सीट से जीतने वाले जितने भी प्रत्याशी रहे हैं वे स्नातकों का वोट लेकर उन्हें भूल जाते हैं. जो भी प्रत्याशी विधान पार्षद बन कर सदन में बैठे हैं, आज तक उन्होंने कभी सदन में स्नातकों की बदहाली पर चर्चा नहीं की.

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Published : Jan 20, 2020, 9:05 PM IST

स्नातक निर्वाचन चुनाव
स्नातक निर्वाचन चुनाव

नालंदा: जिले में स्नातक निर्वाचन चुनाव को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. यह चुनाव अप्रैल 2020 में होना हैं. ऐसे में नालंदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने स्नातक अधिकार मंच के बैनर तले चुनाव लड़ने की घोषणा की. इस मौके पर उनके साथ मंच के कई गणमाण्य लोग मौजूद रहे.

'वोट लेने के बाद भूल जाते हैं नेता'
मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्नातक सीट से जीतने वाले जितने भी प्रत्याशी रहे हैं वे स्नातकों का वोट लेकर उन्हें भूल जाते हैं. जो भी प्रत्याशी विधान पार्षद बन कर सदन में बैठे हैं, आज तक उन्होंने कभी सदन में स्नातकों की बदहाली की चर्चा नहीं की है.

जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार

'समाज की उपेक्षा कर रहे हैं विजेता'
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि यह क्षेत्र तीन जिला पटना, नालंदा, नवादा को मिलाकर बनाया गया है. जिसमें सबसे अधिक पढ़े लिखे की संख्या पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की आती है. लेकिन फिर भी इस सीट से जीतने के बाद सभी विजेता इस समाज की उपेक्षा करते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्नातक आयोग का हो गठन
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि स्नातक तक की पढ़ाई के बावजूद युवा बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को सौ दिन काम की गारंटी दिया जाता है. काम नहीं मिलने पर मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया जाता. उसी तर्ज पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए. उन्होंने स्नातक की हित की रक्षा के लिए स्नातक आयोग के गठन की मांग की.

नालंदा: जिले में स्नातक निर्वाचन चुनाव को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. यह चुनाव अप्रैल 2020 में होना हैं. ऐसे में नालंदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने स्नातक अधिकार मंच के बैनर तले चुनाव लड़ने की घोषणा की. इस मौके पर उनके साथ मंच के कई गणमाण्य लोग मौजूद रहे.

'वोट लेने के बाद भूल जाते हैं नेता'
मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्नातक सीट से जीतने वाले जितने भी प्रत्याशी रहे हैं वे स्नातकों का वोट लेकर उन्हें भूल जाते हैं. जो भी प्रत्याशी विधान पार्षद बन कर सदन में बैठे हैं, आज तक उन्होंने कभी सदन में स्नातकों की बदहाली की चर्चा नहीं की है.

जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार

'समाज की उपेक्षा कर रहे हैं विजेता'
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि यह क्षेत्र तीन जिला पटना, नालंदा, नवादा को मिलाकर बनाया गया है. जिसमें सबसे अधिक पढ़े लिखे की संख्या पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की आती है. लेकिन फिर भी इस सीट से जीतने के बाद सभी विजेता इस समाज की उपेक्षा करते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्नातक आयोग का हो गठन
जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि स्नातक तक की पढ़ाई के बावजूद युवा बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को सौ दिन काम की गारंटी दिया जाता है. काम नहीं मिलने पर मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया जाता. उसी तर्ज पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए. उन्होंने स्नातक की हित की रक्षा के लिए स्नातक आयोग के गठन की मांग की.

Intro:पटना स्नातक निर्वाचन चुनाव लड़ने की घोषणा
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने खुद को किया उम्मीदवार घोषित
नालंदा। आगामी अप्रैल 2020 में पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव होना है । चुनाव को लेकर गतिविधि तेज हो गई है और इसी कड़ी में नालंदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने स्नातक अधिकार मंच के बैनर तले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने आज बिहारशरीफ में संवाददाता सम्मेलन के दौरान खुद के उम्मीदवार होने की घोषणा की और कहा कि वे स्नातकों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। इसके लिए स्नातक अधिकार मंच को जिला से लेकर बिहार एवं देश स्तर पर ले जाने की बात कही।


Body:उन्होंने कहा कि आज तक स्नातक सीट से जीतने वाले जितने भी प्रत्याशी रहे हैं वे स्नातकों का वोट लेकर उन्हें भूल जाते हैं। जो भी प्रत्याशी विधान पार्षद बन कर सदन में बैठे हैं, आज तक उन्होंने कभी सदन में स्नातकों की बदहाली की ना ही कभी चर्चा की और ना ही स्नातक सीट में विजय होने के उपरांत उन्हें मिलने वाले फंड भी किसी भी विधान पार्षद ने स्नातकों के लिए खर्च नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र तीन जिला पटना, नालंदा, नवादा को मिलाकर बनाया गया। इसमें सबसे अधिक पढ़े लिखो की संख्या पिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यकों की आती है । फिर भी इस सीट से विजय होने वाले अब तक जो भी आए हैं उन्हें इस समाज की उपेक्षा ही की है ।
उन्होंने पटना स्नातक के वर्तमान विधान पार्षद एवं बिहार के मंत्री नीरज कुमार से भी प्रशन किया कि स्नातकों के बीच जाकर यह अवश्य बताएं कि उन्होंने सदन से लेकर सड़क तक कौन सा काम अपने स्नातक वोटरों के लिए किया है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि स्नातक की पढ़ाई पूरी कर बेरोजगार रहने वाले लोगों के लिए बेरोजगारी भत्ता के रूप में मासिक राशि 10000 का भुगतान करने की मांग की ताकि भी अपना जीवन बसर कर सके । उन्होंने कहा कि सरकार जब मनरेगा मजदूरों को 100 दिन के काम की गारंटी लेकर उसे 100 दिन की मजदूरी का भुगतान किया जाता तो उसी तर्ज पर स्नातकों को भी उनके तनख्वाह के बराबर 100 दिन का भत्ता दिया जाए। उन्होंने सरकार से मांग किया कि जिस तरह सभी विभागों का आयोग बना हुआ है उसी प्रकार स्नातक की हित की रक्षा के लिए स्नातक आयोग का भी गठन किया जाए।
बाइट। दिलीप कुमार, स्नातक अधिकार मंच के उम्मीदवार
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