नालंदा: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव बुधवार को परबलपुर थाना क्षेत्र के अलावां गांव पहुंचे. जहां होली के दिन 3 लोगों की निर्मम हत्या (Triple Murder In Nalanda ) हुई थी. अलावां गांव पहुंचकर पप्पू यादव ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की (Pappu Yadav meet the victims family in Nalanda) और उनका दर्द जाना. इसके साथ ही उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया. इस दौरान वह प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किये जाने की मांग की और कहा कि सरकार स्पीडी ट्रायल कराकर 3 महीने के भीतर दोषियों को फांसी की सजा दी जाए.
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बता दें कि अलावां गांव पहुंचकर पप्पू यादव ने पीड़ितों परिजनों से घटना की जानकारी ली. घटना के विषय में बताते हुए पीड़ित परिजन भावुक हो गये और उन्होंने अपनी दर्द उनको बताया. इस दौरान जाप सुप्रीमों ने पीड़ित परिजनों का साथ देने और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. इस दौरान उन्होंने सरकार से पीड़ित परिजनों को 20-20 लाख मुआवजा देने, गरीब परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही साथ थानेदार को निलंबित किये जाने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने अपनी ओर से पीड़ित परिवार को 25-25 हजार रुपए देने का ऐलान किया और उनके बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाये जाने की बात कही.
वहीं, राज्य सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि बिहार दिवस मनाना जरुरी है या पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाना. जहरीली शराब से दर्जनों लोगों की मौत हो गयी, लेक़िन प्रशासन मामले में लीपापोती के लिए हृदय रोग से मौत होने की बात कह रहा है. शराब मामले में साढ़े 6 लाख लोग जो जेल में हैं, उन्हें निकाला जाए और प्रदेश वासियों के बजाय चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर क़ानून में संशोधन किया जाए. शराब पीने के मामले में नेता, अधिकारी और बड़ा लोग जेल क्यों नहीं जाते. सिर्फ़ गरीबों पर ही ज़ुल्म क्यों?
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उन्होंने कहा कि बिहार में जात के नाम पर बलात्कार, हत्या और लोग जेल जाते हैं. बेतिया में कैदी की हाजत में मौत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस में से किसी को मधुमक्खी नहीं काटा, लेकिन युवक को काट लिया. युवक की मौत न्यायिक हिरासत में पुलिस की प्रताड़ना से हुई है, न कि मधुमक्खी के काटने से. बिहार में माफियाओं का राज्य है और कानून वाले उनके संरक्षक हैं. बिहारी मेहनत करते हैं और मारे भी जाते हैं. बिहारी मरने के लिए ही जाने जाते हैं. बिहार दिवस मनाने की बजाय लोगों के रोजगार के लिए सरकार सोचें , समाज सुधारने की बजाय खुद सुधरें और प्रशासन के साथ अपने नेताओं को सुधारें,पहले अपराधियों पर नकेल डालें. प्रदेश के लोगों को रोज़गार मिल जाए और पलायन रुक जाए फिर बिहार दिवस मनाएं.
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