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नालंदा: शरद यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी - Sharad Yadav's difficulty increased

नालंदा में शरद यादव के खिलाफ कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर जमानत रद्द करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया गया. शरद यादव 2015 में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में आरोपित थे.

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Published : Mar 18, 2021, 10:36 PM IST

नालंदा: जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर जमानत रद्द करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. गुरुवार को बिहारशरीफ व्यवहार न्यायायल के एसीजेएम वन प्रभाकर झा ने ये आदेश जारी किया. आरोपित पूर्व जदयू नेता शरद यादव 2015 में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में आरोपित थे. 21 मई 2019 को आत्मसमर्पण कर जमानत पर थे. मामला आरोप गठन के लिए लंबित चल रहा था.

ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा की NDA में एंट्री के साइड इफेक्ट, HAM और VIP पार्टी हुईं मुखर

शरद यादव की बढ़ी मुश्किल
न्यायालय ने शरद यादव की उपस्थिति के लिए कई बार समय दिया. लेकिन, वे उपस्थित नहीं हुए. इतना ही नहीं, 25 जनवरी 2021 को उपस्थित नहीं होने पर जज ने एक हजार रुपए जुर्माना करते हुए समय दिया था. बावजूद, वो न तो न्यायायल में उपस्थित हुए, न ही इनकी ओर से कोर्ट में किसी प्रकार की पैरवी की गयी. इस मामले में बिहारशरीफ के तत्कालीन सीओ सुनील कुमार वर्मा ने बिहार थाने में शरद यादव के खिलाफ एफआईआर करायी थी. इसमें पुलिस ने अनुसंधान के दौरान 28 दिसंबर 2015 को जमानत दी थी.

आचार संहिता उल्लंघन मामले में आरोपित
सहायक अभियोजन पदाधिकारी सुरुची कुमारी ने बताया कि वर्ष 2015 में विधान सभा चुनाव के दौरान बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में भाषण के दौरान धार्मिक कटाक्ष किया था. उन्होंने भाषण के दौरान कहा था कि ‘अगर वादा पूरा नहीं करोगे, तो जो हिन्दू हैं स्वर्ग में नहीं जाएंगे और जो मुसलमान हैं वो अल्लाह के पास जन्नत में नहीं जाएंगे’ इसी बात को लेकर उनपर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.

नालंदा: जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर जमानत रद्द करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. गुरुवार को बिहारशरीफ व्यवहार न्यायायल के एसीजेएम वन प्रभाकर झा ने ये आदेश जारी किया. आरोपित पूर्व जदयू नेता शरद यादव 2015 में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में आरोपित थे. 21 मई 2019 को आत्मसमर्पण कर जमानत पर थे. मामला आरोप गठन के लिए लंबित चल रहा था.

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शरद यादव की बढ़ी मुश्किल
न्यायालय ने शरद यादव की उपस्थिति के लिए कई बार समय दिया. लेकिन, वे उपस्थित नहीं हुए. इतना ही नहीं, 25 जनवरी 2021 को उपस्थित नहीं होने पर जज ने एक हजार रुपए जुर्माना करते हुए समय दिया था. बावजूद, वो न तो न्यायायल में उपस्थित हुए, न ही इनकी ओर से कोर्ट में किसी प्रकार की पैरवी की गयी. इस मामले में बिहारशरीफ के तत्कालीन सीओ सुनील कुमार वर्मा ने बिहार थाने में शरद यादव के खिलाफ एफआईआर करायी थी. इसमें पुलिस ने अनुसंधान के दौरान 28 दिसंबर 2015 को जमानत दी थी.

आचार संहिता उल्लंघन मामले में आरोपित
सहायक अभियोजन पदाधिकारी सुरुची कुमारी ने बताया कि वर्ष 2015 में विधान सभा चुनाव के दौरान बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में भाषण के दौरान धार्मिक कटाक्ष किया था. उन्होंने भाषण के दौरान कहा था कि ‘अगर वादा पूरा नहीं करोगे, तो जो हिन्दू हैं स्वर्ग में नहीं जाएंगे और जो मुसलमान हैं वो अल्लाह के पास जन्नत में नहीं जाएंगे’ इसी बात को लेकर उनपर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.

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