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नालंदाः विकास से कोसों दूर है मोरा तालाब गांव, कच्ची सड़कें और बजबजाती नालियां बनीं पहचान - no any basic facilites in mora talab gano

गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. ग्रामीणों ने गांव में प्राथमिक विद्यालय और सड़क निर्माण कराने की मांग सरकार से की है. ताकि गांव की समस्या को दूर किया जा सके.

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मोरा तालाब गांव
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Published : Mar 12, 2020, 12:22 PM IST

नालंदाः बिहारशरीफ मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित मोरा तालाब गांव आज भी विकास की रोशनी से महरूम है. गांव की कच्ची सड़क और बजबजाती नालियां इसकी पहचान बन चुकी हैं. गांव में प्राथमिक विद्यालय नहीं होने से बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है. वहीं, मध्य विद्यालय भी जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-20 को पार करके जाना पड़ता है. जिससे बच्चों के परिजन दुर्घटना की संभावना से चिंतित रहते हैं.

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गांव की सड़क

सड़क की हालत है बदतर
इस गांव की आबादी करीब 5 हजार है. गांव में सभी वर्ग के लोग रहते हैं, यहां आज तक मुख्य मार्ग से गांव जाने वाली सड़क का पक्कीकरण नहीं किया गया है. जिस कारण ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी होती है. सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों की ओर से कई बार आवेदन भी दिया गया. लेकिन अधिकारी से लेकर राजनेता तक किसी ने कोई सुध नहीं ली.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः सच पर लगी मुहर, बिहार में चूहों ने ही गटकी 97 स्लाइन की बोतलें

बरसात में होती है ज्यादा परेशानी
यहां के लोगों को सबसे ज्यादा बरसात के दौरान परेशानी उठानी पड़ती है. गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. ग्रामीणों ने गांव में प्राथमिक विद्यालय और सड़क निर्माण कराने की मांग सरकार से की है. ताकि गांव की समस्या को दूर किया जा सके.

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गांव से दूर मध्य विद्यालय

नालंदाः बिहारशरीफ मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित मोरा तालाब गांव आज भी विकास की रोशनी से महरूम है. गांव की कच्ची सड़क और बजबजाती नालियां इसकी पहचान बन चुकी हैं. गांव में प्राथमिक विद्यालय नहीं होने से बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है. वहीं, मध्य विद्यालय भी जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-20 को पार करके जाना पड़ता है. जिससे बच्चों के परिजन दुर्घटना की संभावना से चिंतित रहते हैं.

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गांव की सड़क

सड़क की हालत है बदतर
इस गांव की आबादी करीब 5 हजार है. गांव में सभी वर्ग के लोग रहते हैं, यहां आज तक मुख्य मार्ग से गांव जाने वाली सड़क का पक्कीकरण नहीं किया गया है. जिस कारण ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी होती है. सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों की ओर से कई बार आवेदन भी दिया गया. लेकिन अधिकारी से लेकर राजनेता तक किसी ने कोई सुध नहीं ली.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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बरसात में होती है ज्यादा परेशानी
यहां के लोगों को सबसे ज्यादा बरसात के दौरान परेशानी उठानी पड़ती है. गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. ग्रामीणों ने गांव में प्राथमिक विद्यालय और सड़क निर्माण कराने की मांग सरकार से की है. ताकि गांव की समस्या को दूर किया जा सके.

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गांव से दूर मध्य विद्यालय
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