नालंदा: बिहार के नालंदा में नवनालंदा महाविहार कर्मी के द्वारा चल रहे विरोध में एक अनशन कर्मी की तबीयत बिगड़ (Navnalanda Mahavihar worker health deteriorated) गई है. गौरतलब है कि नवनालंदा महाविहार में कार्यरत 25 दैनिक कर्मियों को कुछ दिन पहले आउटसोर्सिंग को दे दिया गया था. जिसके विरोध में 25 दैनिक कर्मी 1 नवंबर से गेट पर धरना दे रहे थे. जिसके बाद कमलेश कुमार नाम के एक व्यक्ति ने अनशन शुरु कर दिया. अनशन के बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई.
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अनशन के बाद बिगड़ी तबीयत: बताया जा रहा है कि आउटसोर्सिंग का विरोध (Protest against outsourcing in Navanalanda Mahavihara) कर रहे एक कर्मचारी कमलेश कुमार ने 19 नवंबर से अपनी मांगें पूरी करवाने को लेकर अनशन शुरू कर दिया था. इसी वजह से चौथे दिन अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी. आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में भर्ती कमलेश का कहना है कि हम तब तक भूखे रहेंगे जब तक मांगें पूरी नहीं होती है.
20 साल से भी अधिक समय से कार्यरत है कर्मी: कमलेश कुमार और उनके साथियों ने बताया कि कुछ लोग 20 साल से अधिक समय से वहां काम कर रहे हैं. बावजूद उन्हें प्राथमिकता न देकर अपने परिजनों को रख लिया है. इसके विरोध में कोर्ट में मामला चल रहा है. सुनवाई पूरी होने तक यथावत स्थिति रखने की अपील की जा रही है. लेकिन, कोई सुनने को तैयार नहीं है.
"जब यह आउटसोर्सिंग हो गया है तो हर साल नया ठेकेदार ठेका लेगा. जिससे हमलोगों की परेशानी बढ़ जाएगी तो वैसे हालात में हमलोग कहां जाएंगे. उसी को लेकर हड़ताल पर हैं पर एक साथ कमलेश कुमार ने भुख हड़ताल शुरू कर दिया है. जिससे अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है"- सुनील कुमार, नवनालंदा महाविहार कर्मी
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