नालंदा: जलवायु परिवर्तन को लेकर बिहार सरकार काफी गंभीर है. राज्य में पर्यावरण संकट को देखते हुए सरकार की तरफ से जल जीवन हरियाली योजना चलाई जा रही है. बदलते जलवायु परिवर्तन को दूर करने की कोशिश की जा रही है. सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर आगामी 15 और 16 दिसंबर को राज्य के सभी जिलों में एक बैठक का आयोजन किया है. जिसमें जिले के जनप्रतिनिधियों को शामिल होना है.
जल जीवन हरियाली का ढांचा तैयार
इस बैठक में प्रभारी मंत्री शामिल होंगे. सरकार की तरफ से जल जीवन हरियाली का जो ढांचा तैयार किया गया है, इसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों को दिया जाएगा. बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों से सुझाव भी लिए जाएंगे. उन सुझावों पर सरकार अमल करने का भी काम करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जल जीवन हरियाली को लेकर राज्य में एक परामर्शदात्री समिति भी बनाई गई है.
'पहला राज्य बना बिहार'
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पटना के बापू सभागार में बीते 26 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने जल जीवन हरियाली योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहत 32000 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया. जिसमें 26000 योजनाएं ग्रामीण विकास विभाग की थी. उन्होंने कहा कि अगले 3 साल में बिहार में जल जीवन हरियाली योजना पर करीब 24000 करोड़ राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना में जनता का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण पूरा विश्व परेशान है. जल जीवन हरियाली योजना देश में लागू करने वाला बिहार पहला राज्य बना है. जिसकी चारों ओर सराहना हो रही है.
'मानव श्रृंखला का होगा आयोजन'
श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य बना है. जहां फसल अवशेष को भी नष्ट करने के लिए मशीन खरीदने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत सरकार अनुदान दे रही है. कई जगहों पर फसल अवशेष को किसानों ने खेतों में जलाया है. पराली जलाए जाने के कारण पर्यावरण पर काफी बुरा असर पड़ता है. यही वजह है कि सरकार ने अनुदान देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष बिहार में एक दिन में 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, आगामी 19 जनवरी को जलवायु परिवर्तन को लेकर एक मानव श्रृंखला का भी आयोजन किया जा रहा है.