नालंदा: जमीन को लेकर आए दिन विवाद होते हैं. ऐसे में कई जगह पर हिंसक घटनाएं भी घटती है. इन्हीं विवादों के निपटारे और समस्याओं के समाधान को लेकर जिले में जमीन की बंदोबस्ती और सर्वे का काम शुरू हो गया है. इसको लेकर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की.
डीएम ने बताया कि जमीन बंदोबस्ती और सर्वे एक महत्वपूर्ण कार्य है. उन्होंने बताया कि जमीन बंदोबस्ती और सर्वे का काम ठीक ढंग से हो जाने से समस्याओं का हल निकाला जा सकता है. कई जगहों पर बंदोबस्ती का रजिस्टर में जिक्र नहीं होने के कारण विवाद भी उत्पन्न होता है. ऐसे में सभी विभाग से जमीन का ब्यौरा मांगा गया ताकि गुणवत्ता के साथ सर्वे का काम हो सके.
ऑटोमेटिक अपडेट होगा जमीन संबंधि रिकार्ड
डीएम न कहा कि जमीन का सर्वे होने से लोगों को जमीन स्वामित्व प्रमाण पत्र, लगान जमा, म्यूटेशन आदि में सुविधा होगी. सरकारी और निजी जमीन का अलग-अलग ब्यौरा तैयार होंगे. जमीन का गलत दाखिल खारिज नहीं हो सकेगा. जिससे लोगों को काफी फायदा मिलेगा. जमीन सर्वे के बाद नए सिरे से जमीन का खाता, खसरा, रकबा, रिकॉर्ड में रखा जाएगा. जिसे ऑनलाइन भी किया जाएगा. रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से खरीद और बिक्री की स्थिति में भी ऑनलाइन म्यूटेशन होगा. जिससे रिकॉर्ड ऑटोमेटिक अपडेट होगा.