नालंदा: कटिहार के बारसोई में बुधवार को अनियमित बिजली को लेकर उग्र प्रदर्शन किया गया. उग्र भीड़ पर इस दौरान पुलिस ने फायरिंग कर दी जिसमें तीन लोगों की मौत की बात कही जा रही है. हालांकि पुलिस दो लोगों की मौत की पुष्टि कर रही है. वहीं इस मामले पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है.
'मारने की नियत से ही चलाई गई थी गोली': गुरुवार को बिहारशरीफ के सर्किट हाउस में उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कटिहार गोलीकांड की घटना पर सरकार को घेरते हुए कहा कि गोली चलाना पुलिस के लिए अंतिम विकल्प होता है. फायरिंग से पहले के विकल्पों को बिहार पुलिस ने क्यों नहीं इस्तेमाल किया? लोगों को पहले समझाना बुझाना चाहिए था. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कल कटिहार में जो बिजली की समस्या को लेकर ग्रामीणों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था, उसमें गोली मारने के नियत से ही पुलिस द्वारा गोली चलाई गई.
"कटिहार में बिजली के लिए आंदोलन कर रहे लोगों पर गोली चलाकर उनकी आवाज को बिहार सरकार के अधिकारियों बंद करने का काम किया है. गोली के बल पर लोगों के आक्रोश को बंद कर देंगे यह नीतीश सरकार की गलतफहमी है. कटिहार में हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अविलंब हस्तक्षेप करना चाहिए. घटना में जो भी दोषी हैं उनके ऊपर 302 का मुकदमा होना चाहिए."- उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री
'पुलिस ने नजदीक से मारी गोली': नीतीश सरकार आम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का दबाने का काम कर रही है. यह कहीं ना कहीं अघोषित रूप से बिहार में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. कोई तानाशाह सरकार ही आंदोलन करने वाली जनता के ऊपर गोली चलाने का काम कर सकती है, जनतांत्रिक सरकार कभी ऐसा नहीं कर सकती है. पुलिस ने सीधे नजदीक से गोली मारी. लोगों के सिर में सटाकर गोली मारी गई है.
क्या है पूरा मामला?: बता दें कि बुधवार को बारसोई में एसडीओ कार्यालय के पास बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने प्रशासन से अनुमति ली थी. इस दौरान उग्र प्रदर्शन होने लगा. भीड़ को अनियंत्रित होता देख पुलिस ने फायरिंग कर दी. फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई जबकि स्थानीय लोग तीन लोगों की मौत की बात कह रहे हैं.