नालंदा: बुनकर के क्षेत्र में जिला का बसवन बीघा गांव लंबे समय से चर्चित रहा है. यहां निर्मित बाबन बुटी साड़ी, पर्दा, चादर, नैपकिन और मैट देश ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहरा चुका है. यहां के पर्दे भारत के राष्ट्रपति निवास की भी शोभा बढ़ा चुके हैं. लेकिन वर्ष 2019 में कपिल देव प्रसाद का चयन भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिससे जिले में काफी खुशी है और इससे लोग काफी गौरवान्वित महसूस कर रह हैं.
राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन
यह पहला मौका है जब बुनकर के क्षेत्र में कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. कपड़ा मंत्रालय की ओर से कुल 31 बुनकरों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिसमें बिहार के एकमात्र बुनकर के रूप में कपिलदेव प्रसाद का चयन किया गया है. कपिल देव प्रसाद के द्वारा करीब 3 महीने के अथक प्रयास के बाद भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठे प्रतिमा का एक वॉल हैंगिंग तैयार किया था.
उद्योग से जुड़े लोगों में खुशी
यह वाल हैंगिंग लोगों के बीच काफी पसंद किया गया और इसे सभी लोगों ने काफी सराहा. इसी वॉल हैंगिंग के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. कपिल देव प्रसाद के चयन से बुनकर के उद्योग से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रकार के पुरस्कार मिलने के बाद बुनकर के क्षेत्र में लोगों का उत्साह बढ़ेगा.
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50 सालों से कर रहे काम
कपिल देव प्रसाद बताते हैं कि15 वर्ष की आयु से ही इस उद्योग से जुड़े हैं और करीब 50 सालों से बुनकर का काम करते आ रहे हैं. अभी भी खुद बुनकरी का काम करते हैं. साथ ही लोगों को भी बुनकरी का काम सिखाते हैं. जिससे रोजगार के अवसर भी प्रदान होते हैं. सरकार द्वारा बुनकर उद्योग को दिए जाने वाले प्रोत्साहन से लोगों में यह उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में बुनकर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और बड़ी संख्या में लोग इस से जुड़ेंगे. जिससे रोजगार के भी अवसर प्रदान होंगे.