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नालंदा: राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन, 15 वर्ष की आयु से कर रहे बुनकर का काम - राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन

कपिल देव प्रसाद बताते हैं कि 15 वर्ष की आयु से ही इस उद्योग से जुड़े हैं और करीब 50 सालों से बुनकर का काम करते आ रहे हैं. अभी भी खुद बुनकरी का काम करते हैं. साथ ही लोगों को भी बुनकरी का काम सिखाते हैं.

Kapil Dev Prasad selected for National Award
राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन
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Published : Dec 20, 2019, 12:13 PM IST

नालंदा: बुनकर के क्षेत्र में जिला का बसवन बीघा गांव लंबे समय से चर्चित रहा है. यहां निर्मित बाबन बुटी साड़ी, पर्दा, चादर, नैपकिन और मैट देश ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहरा चुका है. यहां के पर्दे भारत के राष्ट्रपति निवास की भी शोभा बढ़ा चुके हैं. लेकिन वर्ष 2019 में कपिल देव प्रसाद का चयन भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिससे जिले में काफी खुशी है और इससे लोग काफी गौरवान्वित महसूस कर रह हैं.


राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन
यह पहला मौका है जब बुनकर के क्षेत्र में कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. कपड़ा मंत्रालय की ओर से कुल 31 बुनकरों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिसमें बिहार के एकमात्र बुनकर के रूप में कपिलदेव प्रसाद का चयन किया गया है. कपिल देव प्रसाद के द्वारा करीब 3 महीने के अथक प्रयास के बाद भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठे प्रतिमा का एक वॉल हैंगिंग तैयार किया था.

देखें ये रिपोर्ट

उद्योग से जुड़े लोगों में खुशी
यह वाल हैंगिंग लोगों के बीच काफी पसंद किया गया और इसे सभी लोगों ने काफी सराहा. इसी वॉल हैंगिंग के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. कपिल देव प्रसाद के चयन से बुनकर के उद्योग से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रकार के पुरस्कार मिलने के बाद बुनकर के क्षेत्र में लोगों का उत्साह बढ़ेगा.

Kapil Dev Prasad selected for National Award
कपिल देव प्रसाद

ये भी पढ़ें: '21 दिसंबर को RJD के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई लाठीचार्ज तो अंजाम ठीक नहीं होगा'

50 सालों से कर रहे काम
कपिल देव प्रसाद बताते हैं कि15 वर्ष की आयु से ही इस उद्योग से जुड़े हैं और करीब 50 सालों से बुनकर का काम करते आ रहे हैं. अभी भी खुद बुनकरी का काम करते हैं. साथ ही लोगों को भी बुनकरी का काम सिखाते हैं. जिससे रोजगार के अवसर भी प्रदान होते हैं. सरकार द्वारा बुनकर उद्योग को दिए जाने वाले प्रोत्साहन से लोगों में यह उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में बुनकर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और बड़ी संख्या में लोग इस से जुड़ेंगे. जिससे रोजगार के भी अवसर प्रदान होंगे.

नालंदा: बुनकर के क्षेत्र में जिला का बसवन बीघा गांव लंबे समय से चर्चित रहा है. यहां निर्मित बाबन बुटी साड़ी, पर्दा, चादर, नैपकिन और मैट देश ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहरा चुका है. यहां के पर्दे भारत के राष्ट्रपति निवास की भी शोभा बढ़ा चुके हैं. लेकिन वर्ष 2019 में कपिल देव प्रसाद का चयन भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिससे जिले में काफी खुशी है और इससे लोग काफी गौरवान्वित महसूस कर रह हैं.


राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन
यह पहला मौका है जब बुनकर के क्षेत्र में कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. कपड़ा मंत्रालय की ओर से कुल 31 बुनकरों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. जिसमें बिहार के एकमात्र बुनकर के रूप में कपिलदेव प्रसाद का चयन किया गया है. कपिल देव प्रसाद के द्वारा करीब 3 महीने के अथक प्रयास के बाद भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठे प्रतिमा का एक वॉल हैंगिंग तैयार किया था.

देखें ये रिपोर्ट

उद्योग से जुड़े लोगों में खुशी
यह वाल हैंगिंग लोगों के बीच काफी पसंद किया गया और इसे सभी लोगों ने काफी सराहा. इसी वॉल हैंगिंग के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है. कपिल देव प्रसाद के चयन से बुनकर के उद्योग से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रकार के पुरस्कार मिलने के बाद बुनकर के क्षेत्र में लोगों का उत्साह बढ़ेगा.

Kapil Dev Prasad selected for National Award
कपिल देव प्रसाद

ये भी पढ़ें: '21 दिसंबर को RJD के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई लाठीचार्ज तो अंजाम ठीक नहीं होगा'

50 सालों से कर रहे काम
कपिल देव प्रसाद बताते हैं कि15 वर्ष की आयु से ही इस उद्योग से जुड़े हैं और करीब 50 सालों से बुनकर का काम करते आ रहे हैं. अभी भी खुद बुनकरी का काम करते हैं. साथ ही लोगों को भी बुनकरी का काम सिखाते हैं. जिससे रोजगार के अवसर भी प्रदान होते हैं. सरकार द्वारा बुनकर उद्योग को दिए जाने वाले प्रोत्साहन से लोगों में यह उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में बुनकर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और बड़ी संख्या में लोग इस से जुड़ेंगे. जिससे रोजगार के भी अवसर प्रदान होंगे.

Intro:बुनकर कपिलदेव प्रसाद का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया चयन
नालंदा के लोगों में देखी गई काफी खुशी
जिले को किया गौरवान्वित
नालंदा। वर्ष 2019 बीतने को है लेकिन यह वर्ष जिले के लिए यादगार साबित हुआ। बुनकर के क्षेत्र में नालंदा जिला का बसवन बीघा गांव लंबे समय से चर्चित रहा है । यहां निर्मित बाबन बुटी साड़ी, पर्दा, चादर, नैपकिन, मैट देश ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहरा चुका है । भारत के राष्ट्रपति निवास की शोभा बढ़ा चुके हैं यहां के पर्दा । लेकिन वर्ष 2019 में कपिल देव प्रसाद का चयन भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया जिससे जिले में काफी खुशी देखी गई। लोग गौरवान्वित महसूस करने लगे । यह पहला मौका है जब बुनकर के क्षेत्र में कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया। कपड़ा मंत्रालय द्वारा कुल 31 बुनकरों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया जिसमें बिहार के एकमात्र बुनकर के रूप में कपिलदेव प्रसाद का चयन किया गया।


Body:कपिल देव प्रसाद के द्वारा करीब 3 माह के अथक प्रयास के बाद भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठे प्रतिमा का एक वॉल हैंगिंग तैयार किया था। यह बाल हैंगिंग लोगों के बीच काफी पसंद किया गया और इसे सभी लोगों ने काफी सराहा। इसी वॉल हैंगिंग बल पर कपिल देव प्रसाद का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया।
इनके चयन से बुनकर के उद्योग से जुड़े लोगों में काफी खुशी देखी गई और उम्मीद जताई गई कि इस प्रकार के पुरस्कार मिलने के बाद बुनकर के क्षेत्र में लोगों का उत्साह बढ़ेगा। सरकार के द्वारा इसी प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाने से बुनकरों में उम्मीद की किरण जागेगी और आने वाले दिनों में बुनकर उद्योग में चार चांद लगेगा।
कपिल देव प्रसाद 15 वर्ष की आयु से ही इस उद्योग से जुड़े हैं और करीब 50 सालों से बुनकर का काम करते आ रहे हैं । अभी भी खुद बुनकरी का काम करते हैं इसके साथ-साथ लोगों लोगों से भी बुनकरी का काम करवाते हैं जिससे रोजगार के अवसर भी प्रदान होते हैं ।


Conclusion:सरकार द्वारा बुनकर उद्योग को दिए जाने वाले प्रोत्साहन से उम्मीद की एक किरण जगी है और लोगों में यह उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बुनकर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और बड़ी संख्या में लोग इस से जुड़ेंगे जिससे रोजगार के भी अवसर प्रदान होंगे।
बाइट। कपिलदेव प्रसाद, बुनकर
बाइट। शोभा कुमार, क्लस्टर डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव
बाइट। मो शहाब, बुनकर
पी टू सी कुमार सौरभ, नालंदा
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