नालंदा: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद जेडीयू (JDU) अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश में जुटा हुआ है. संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) इन दिनों 'जन संवाद यात्रा' पर है. नालंदा दौरे पर आए कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आने वाले समय में पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है.
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बिहारशरीफ के जेडीयू कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में इस समय अगर चुनाव होता है, तो एक बार फिर से साबित हो जाएगा कि जेडीयू बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है. उन्होंने कहा कि लोगों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के प्रति गहरा विश्वास हैं. पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि यात्रा के दौरान लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है. पूरी यात्रा के दौरान जो बातें सामने आएंगी, उसमें आवश्यकतानुसार संगठन में बदलाव भी हो सकता है.
वहीं, जातीय जनगणना (Cast Census) पर जेडीयू नेता ने कहा कि यह बहुत बड़ी आवश्यकता है. करीब 100 साल पूर्व आंकड़ा का इस्तेमाल केंद्र या राज्य सरकार करके योजना बना रही है. यही वजह है कि जितना लाभ मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल पा रहा है. 2011 में ही जनगणना के साथ जातीय जनगणना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी घोषणा की थी कि 2021 जनगणना के साथ-साथ जातीय जनगणना भी कराएंगे. लोगों के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है.
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस दिशा में काफी कोशिश की है. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सकारात्मक रूख सामने आएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र ने अभी तक मामले को पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है. साथ ही कहा कि बिहार सरकार या देश के अन्य राज्यों की सरकार द्वारा अपने स्तर से जातीय जनगणना कराने पर कोई लाभ नहीं मिल पाएगा.
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा कि जेडीयू हर हाल में चुनाव लड़ेगा. हमलोग फिलहाल एनडीए में हैं और कोशिश होगी कि भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ें, लेकिन गठबंधन नहीं हो पाता है तब भी चुनाव लड़ेंगे.
वहीं, भगवान श्रीराम को लेकर जीतनराम मांझी के बयानों पर कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है. संविधान में बोलने की स्वतंत्रता है. देश में राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा होती है. इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. धर्म का मामला अलग है और राजनीतिक मामला अलग है. उन्होंने शराबबंदी के फेल होने के सवाल पर कहा कि शराबबंदी का प्रभाव अच्छा है.