नालंदा: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले के स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध जाता. स्वास्थ्य कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने नालंदा सिविल सर्जन को एक ज्ञापन सौंपा.
बताया जा रहा है कि ये स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी के समय करने वाले कर्मियों को सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध कराने, वेतन, मानदेय और प्रोत्साहन राशि के रुप में 1 माह के समतुल्य राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. इसी कारण से इन लोगों ने सांकेतिक आंदोलन करते हुए काला बिल्ला लगाया और अपनी-अपनी ड्यूटी की.
सरकार के आदेश के बाद भी विभाग का उदासीन रवैया
इस मौके पर संघ के जिला मंत्री संजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारी जो स्थाई, संविदा, आउटसोर्सिंग, स्वास्थ्य समिति, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम, आरएनटीसीपी, आशा, ममता और कुरियर के रूप में कोरोना महामारी के समय में काम कर रहे हैं. सरकार को उनका ख्याल रखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के सफल प्रयास के कारण ही कोविड-19 के मरीजों के रिकवरी दर में काफी सफलता मिली है. मरीजों की स्क्रीनिंग, टेस्टिंग के बाद क्वॉरेंटाइन करने से इस महामारी के फैलने में कमी आई है. इसके बाद भी इन कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा, विभागीय आदेश और समझौते का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. जो काफी चिंता की बात है. इसी कारण से काला बिल्ला लगाकर इन स्वास्थ्य कर्मियों ने गुस्सा जाहिर किया है.
स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा योजना का लाभ दने की मांग
बता दें कि जिन पांच सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने आंदोलन किया है. उनमें सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षात्मक किट उपलब्ध करवाने की मांग है. इसके अलावे कुरियर और ममता को भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत बीमा योजना का लाभ देने की मांग है.