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CAA के विरोध में चल रहे प्रदर्शन का समर्थन करने बिहारशरीफ पहुंची फौजिया राणा - Protests in Nalanda on the lines of Shaheenbagh

शाहीन बाग की तर्ज पर नालंदा में भी जगह-जगह पर सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है. इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए उर्दू के मशहूर साहित्यकार मुनव्वर राणा की पुत्री फौजिया राणा पहुंची. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की अपील की.

नालंदा
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Published : Feb 12, 2020, 10:44 AM IST

नालंदा: उर्दू के मशहूर साहित्यकार मुनव्वर राणा की पुत्री फौजिया राणा बिहारशरीफ पहुंची. उन्होंने सीएए के खिलाफ जिले भर में जगह-जगह चल रहे आंदोलनों का समर्थन किया और सरकार से संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की मांग की. फौजिया राणा ने बिहारशरीफ के बैगनाबाद, सकुनत और काशी तकिया मोहल्ले में चल रहे आंदोलन के दौरान सभा को संबोधित किया.

नालंदा
सीएए के विरोध को समर्थन करने पहुंची साहित्यकार फौजिया राणा

सीएए के खिलाफ में हो रहे प्रदर्शन को समर्थन करने पहुंची फौजिया राणा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पहले से ही लागू था. इसी कानून के अंतर्गत मनमोहन सिंह और लालकृष्ण आडवाणी भारत आए और एक देश के प्रधानमंत्री तो दूसरे देश के गृह मंत्री भी बने. लेकिन इस कानून के जरिए अभी के समय में मुसलमानों को देश से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.

नालंदा
सीएए के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शन में पहुंचे लोग

'मुसलमानों का किया जा रहा विरोध'
फौजिया राणा ने कहा कि सीएए लाकर मुसलमानों का विरोध किया जा रहा है. मुसलमान गांधी जी की विचारधारा पर चलकर लड़ाई लड़ेगा. संविधान और देश को बचाने लिए आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि गांधी जी की हत्या हो गई है लेकिन उनके विचारधारा को नहीं मारा गया है. हम उसी विचारधारा की लड़ाई लड़ेंगे. शाहीन बाग की तर्ज पर जगह-जगह देशभर में आंदोलन किया जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

संविधान के साथ हो रहा है छेड़छाड़- फौजिया
साहित्यकार फौजिया राणा ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाए. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार कानून के साथ खिलवाड़ कर रही है. संविधान को ताक पर रखा जा रहा है. सीएए, एनआरसी और एनपीआर से भी बड़े मुद्दे देश में हैं, लेकिन सरकार उसे दूर करने की जगह देश की जनता को गुमराह कर रही है.

नालंदा: उर्दू के मशहूर साहित्यकार मुनव्वर राणा की पुत्री फौजिया राणा बिहारशरीफ पहुंची. उन्होंने सीएए के खिलाफ जिले भर में जगह-जगह चल रहे आंदोलनों का समर्थन किया और सरकार से संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की मांग की. फौजिया राणा ने बिहारशरीफ के बैगनाबाद, सकुनत और काशी तकिया मोहल्ले में चल रहे आंदोलन के दौरान सभा को संबोधित किया.

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सीएए के विरोध को समर्थन करने पहुंची साहित्यकार फौजिया राणा

सीएए के खिलाफ में हो रहे प्रदर्शन को समर्थन करने पहुंची फौजिया राणा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पहले से ही लागू था. इसी कानून के अंतर्गत मनमोहन सिंह और लालकृष्ण आडवाणी भारत आए और एक देश के प्रधानमंत्री तो दूसरे देश के गृह मंत्री भी बने. लेकिन इस कानून के जरिए अभी के समय में मुसलमानों को देश से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.

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सीएए के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शन में पहुंचे लोग

'मुसलमानों का किया जा रहा विरोध'
फौजिया राणा ने कहा कि सीएए लाकर मुसलमानों का विरोध किया जा रहा है. मुसलमान गांधी जी की विचारधारा पर चलकर लड़ाई लड़ेगा. संविधान और देश को बचाने लिए आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि गांधी जी की हत्या हो गई है लेकिन उनके विचारधारा को नहीं मारा गया है. हम उसी विचारधारा की लड़ाई लड़ेंगे. शाहीन बाग की तर्ज पर जगह-जगह देशभर में आंदोलन किया जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

संविधान के साथ हो रहा है छेड़छाड़- फौजिया
साहित्यकार फौजिया राणा ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाए. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार कानून के साथ खिलवाड़ कर रही है. संविधान को ताक पर रखा जा रहा है. सीएए, एनआरसी और एनपीआर से भी बड़े मुद्दे देश में हैं, लेकिन सरकार उसे दूर करने की जगह देश की जनता को गुमराह कर रही है.

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