नालंदाः बिहार में लगातार हो रही बारिश ( Rain In Bihar ) के कारण किसान काफी चिंतित हैं. खेत जलमग्न हो गए हैं. धान के बिचड़े ( Paddy Straws ) के खेतों में पानी ही पानी है. किसानों को बिचड़ा सड़ने का डर सता रहा है. उनके सामने अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि बिचड़ा खराब हो जाने के बाद धान की खेती कैसे होगी?
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जिराईन नदी में उफान, लोग हकलान
बता दें कि जिले के बिंद प्रखंड में जिराईन नदी (Jiraine River ) इन दिनों उफनाई हुई है. बरहोग, गोविन्दपुर सहित आसपास के कई गांवों के खेत जलमग्न हो गए हैं.
सुधांशु कुमार, संजय प्रसाद, रूपेश कुमार, वाल्मीकि प्रसाद, श्याम सुन्दर प्रसाद, धीरज कुमार सहित अन्य किसानों ने बताया कि धान की खेती के लिए लगाए गए बिचड़े डूब गए हैं. हजारों का नुकसान तो अभी ही हो गया है, धान की खेती नहीं हो पाने से स्थिति काफी दयनीय हो सकती है.
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दोमुहां पुल खुल जाने से नुकसान
किसानों ने बताया कि बरहोग गांव के पास जमींदारी बांध में दोमूहां पुल का निर्माण किया करवाया गया था. मिट्टी से पुल का मुंह बंद किया गया था, जो पानी के बहाव के कारण खुल गया है. पुल के पास मिट्टी कटाव के कारण स्थिति काफी खराब हो गई है. इसके बाद इसकी जानकारी सीओ सहित मुखिया को दी गई है.
जानकारी मिलने के बाद राजीव रंजन पाठक ने आपदा प्रभारी और इस्क्यूटिव इंजीनियर के साथ उत्तरथु, बरहोग, नौरंगा आदि गांवों के तटबंधो का जायजा लिया है. एहतियात और बचाव के तौर पर बालू भरा बोरा भेजा गया है. जिससे पानी का बहाव और मिट्टी कटाव को रोका जा सके.