नालंदा: जिले में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. प्याज की कीमतों में काफी गिरावट भी आई है. लेकिन खरीदार नहीं मिलने के कारण किसानों का परेशानी काफी बढ़ गई है. प्याज की बिक्री नहीं होने कारण किसान काफी मायूस हैं.
नालंदा में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यहां उगाई गई प्याज बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा और बंगाल तक भेजा जाता है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण प्याज की खेती कर रहे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, बेमौसम बारिश ने भी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है. आलम ये है कि किसान 3 से 5 रुपये किलो तक प्याज बेचने को मजबूर हो रहे हैं. बावजूद इसके इसके कोई खरीदार नजर नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं बेमौसम बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है. जिसके कारण किसान अपने प्याज को फेंकने पर भी मजबूर हो गए हैं.
किसानों ने बताई समस्या
किसान शिवलाल महतो का कहना है कि बेमौसम बारिश के कारण प्याज बाजार तक पहुंचने से पहले ही ज्यादातर सड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्याज इस लायक भी नहीं है कि उसे बेचा जा सके. वहीं, अन्य किसानों ने बताया कि जो फसल बचे हुए हैं, वह लॉकडाउन के कारण बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके कारण उन्हें कम कीमत पर प्याज को बेचना पड़ रहा है.
किसानों की सरकार से गुहार
बता दें कि सरकार की ओर से प्याज उत्पादक किसानों के लिए फिलहाल किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण किसान मायूस है. किसानों का कहना है कि उनके उत्पादित प्याज को सरकार की ओर से उचित मूल्य पर खरीदा जाता तो उन लोगों को फायदा हो सकता था. लेकिन सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया.