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नालंदा में मानसून से राहत, धान का बिचड़ा रोपने में जुटे किसान - मानसून से किसानों में खुशी

नालंदा में मानसून से किसानों में खासी खुशी देखने को मिल रही है. इस साल 12800 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा बोने का लक्ष्य रखा गया है.

धान का बिचड़ा रोपने में जुटे किसान
धान का बिचड़ा रोपने में जुटे किसान
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Published : Jul 23, 2020, 1:12 PM IST

नालंदा: जिले में लगातार हो रही बारिश से किसानों में खुशी है. खेतों में पानी होने की वजह से किसान धान का बिचड़ा बोने के काम में तेजी से जुट गए हैं. ज्यादातर किसान अपने-अपने खेतों में धान की रोपनी के कार्य में लगे हुए हैं.

nalanda
बिचड़ा रोपनी करती महिला

किसान उन्नत बीज का प्रबंध का धान की रोपनी का काम कर रहे हैं. जिले में इस वर्ष 12800 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा बोने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. जिले में लक्ष्य के अनुरूप बिचड़ा लगाया जा रहा है. उम्मीद है कि इस बार निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

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धान का बिचड़ा रोपने में जुटे किसान

खेतों में पहुंचने लगे किसान
मानसून की दस्तक के बाद किसानों ने अपने खेतों की ओर रुख करना शुरू कर दिया. दरअसल, विगत कुछ वर्षों से नालंदा में बारिश की कमी के कारण किसानों में मायूसी देखी जा रही थी. कम वर्षा होने के कारण किसान यहां के मुख्य फसल धान को रोपनी में उदासीन रवैया अपना रहे थे, लेकिन हो रही वर्षा से किसानों में काफी खुशी देखी जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

गीत गाकर कर रहे धान की रोपनी
बता दें कि पौ फटने के साथ किसान अपने खेतों की ओर रुख कर जाते हैं और धान का बिचड़ा रोपने का काम शुरू कर देते है. इस दौरान किसान अपने परंपरागत गीतों के साथ रोपनी के कार्य करते हैं. इस दौरान वे भगवान से अच्छी वर्षा की मांग करते हैं ताकि अच्छे से रोपनी हो सके और लहलहाती फसल उनके खेतों में हो उगे.

नालंदा: जिले में लगातार हो रही बारिश से किसानों में खुशी है. खेतों में पानी होने की वजह से किसान धान का बिचड़ा बोने के काम में तेजी से जुट गए हैं. ज्यादातर किसान अपने-अपने खेतों में धान की रोपनी के कार्य में लगे हुए हैं.

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बिचड़ा रोपनी करती महिला

किसान उन्नत बीज का प्रबंध का धान की रोपनी का काम कर रहे हैं. जिले में इस वर्ष 12800 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा बोने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. जिले में लक्ष्य के अनुरूप बिचड़ा लगाया जा रहा है. उम्मीद है कि इस बार निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

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धान का बिचड़ा रोपने में जुटे किसान

खेतों में पहुंचने लगे किसान
मानसून की दस्तक के बाद किसानों ने अपने खेतों की ओर रुख करना शुरू कर दिया. दरअसल, विगत कुछ वर्षों से नालंदा में बारिश की कमी के कारण किसानों में मायूसी देखी जा रही थी. कम वर्षा होने के कारण किसान यहां के मुख्य फसल धान को रोपनी में उदासीन रवैया अपना रहे थे, लेकिन हो रही वर्षा से किसानों में काफी खुशी देखी जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

गीत गाकर कर रहे धान की रोपनी
बता दें कि पौ फटने के साथ किसान अपने खेतों की ओर रुख कर जाते हैं और धान का बिचड़ा रोपने का काम शुरू कर देते है. इस दौरान किसान अपने परंपरागत गीतों के साथ रोपनी के कार्य करते हैं. इस दौरान वे भगवान से अच्छी वर्षा की मांग करते हैं ताकि अच्छे से रोपनी हो सके और लहलहाती फसल उनके खेतों में हो उगे.

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