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पूर्व PM स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसान गोष्ठी आयोजित, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

आरजेडी की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसान गोष्ठी आयोजित की गई. जिसमें सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून को किसान विरोधी बताया गया.

Farmer seminar on the birth anniversary of former PM late Chaudhary Charan Singh in Nalanda
Farmer seminar on the birth anniversary of former PM late Chaudhary Charan Singh in Nalanda
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Published : Dec 23, 2020, 9:19 PM IST

नालंदा: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के मौके पर जिले में आरजेडी की ओर से किसान गोष्ठी का आयोजन किया गाय. ये गोष्ठी बिहार शरीफ के अस्पताल चौक के पास आयोजित किया गया. इसकी अध्यक्षता आरजेडी जिलाध्यक्ष अशोक कुमार हिमांशु ने की.

इस गोष्ठी के दौरान केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून को किसान विरोधी बताया गया. साथ ही सरकार से इन तीनों कानून को वापस करने की मांग की गई. वहीं, गोष्ठी में कृषि कानून, कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों के भविष्य के कुप्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गई.

'कृषि कानून से किसानों की आर्थिक स्थिति होगी खराब'
इस मौके पर इस्लामपुर के विधायक राकेश रोशन ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की करीब 70 प्रतिशत आबादी कृषि और कृषि पर आधारित आय पर निर्भर है. कृषि से संबंधित 3 कानून लगाए गए हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और अधिक खराब होने की संभावना है.

'किसान को कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली बनाई जा रही'
इसके अलावा राकेश रोशन ने कहा कि पूर्व से चले आ रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है. इससे कृषि और किसान प्रभावित होकर कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली हो जाएंगे. आवश्यक वस्तु अधिनियम, कृषि उत्पादन और वाणिज्यक की संवर्धन कानून के बल पर कॉरपोरेट घराने के लोग पूरे व्यवस्था को अपने वश में कर लेंगे. किसानों की स्थिति औद्योगिक मजदूरों से भी बदतर हो जाएगी. ये सरकार पूंजीपतियों के प्रभाव में कृषि व्यवस्था को गुलाम बनाने का प्रयास कर रही है.

नालंदा: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के मौके पर जिले में आरजेडी की ओर से किसान गोष्ठी का आयोजन किया गाय. ये गोष्ठी बिहार शरीफ के अस्पताल चौक के पास आयोजित किया गया. इसकी अध्यक्षता आरजेडी जिलाध्यक्ष अशोक कुमार हिमांशु ने की.

इस गोष्ठी के दौरान केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून को किसान विरोधी बताया गया. साथ ही सरकार से इन तीनों कानून को वापस करने की मांग की गई. वहीं, गोष्ठी में कृषि कानून, कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों के भविष्य के कुप्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गई.

'कृषि कानून से किसानों की आर्थिक स्थिति होगी खराब'
इस मौके पर इस्लामपुर के विधायक राकेश रोशन ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की करीब 70 प्रतिशत आबादी कृषि और कृषि पर आधारित आय पर निर्भर है. कृषि से संबंधित 3 कानून लगाए गए हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और अधिक खराब होने की संभावना है.

'किसान को कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली बनाई जा रही'
इसके अलावा राकेश रोशन ने कहा कि पूर्व से चले आ रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है. इससे कृषि और किसान प्रभावित होकर कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली हो जाएंगे. आवश्यक वस्तु अधिनियम, कृषि उत्पादन और वाणिज्यक की संवर्धन कानून के बल पर कॉरपोरेट घराने के लोग पूरे व्यवस्था को अपने वश में कर लेंगे. किसानों की स्थिति औद्योगिक मजदूरों से भी बदतर हो जाएगी. ये सरकार पूंजीपतियों के प्रभाव में कृषि व्यवस्था को गुलाम बनाने का प्रयास कर रही है.

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