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नालंदा के डॉ. धीरज ने NEET गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की परीक्षा में हासिल किया देशभर में 21वां रैंक

नालंदा के डॉ. धीरज कुमार ने नीट परीक्षा के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट में देशभर में 21वां रैंक हासिल किया है. उनकी इस उपलब्धि से जिले में खुशी का माहौल है.

NALANDA
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Published : Sep 28, 2020, 6:31 PM IST

नालंदा (अस्थावां): जिले के बिंद गांव के साधारण परिवार में जन्मे डॉ. धीरज कुमार ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. उन्होंने नीट एस एस की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की परीक्षा में 21 वां रैंक लाकर देश में राज्य और जिले का मान बढ़ाया है. उनकी इस कामयाबी से उनके गांव सहित जिले में खुशी का माहौल है.

डॉ. धीरज के पिता सेवानिवृत शिक्षक भगीरथ प्रसाद ने कहा कि उनकी प्राथमिक शिक्षा जेएनबी स्कूल राजगीर में हुई. 2008 में मेडिकल की परीक्षा पास करने बाद उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. 2015 से 2018 तक पटना मेडिकल कालेज से एमडी किया. साल 2019 में सिनियर रेसिडेंट मेडिसिन पीएमसीएच में कार्य शुरू किया. 2020 में उन्होंने नीट एस एस की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट में 21 वां स्थान प्राप्त किया है.

गरीबों को अच्छा इलाज देने अहम मकसद
डॉ. धीरज कहते है कि गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की ट्रेनिंग लेने के बाद वे वैसे गरीब परिवारों की मदद करेंगे जो पैसे के अभाव में पेट और लीवर संबंधित बीमारियों को इलाज नहीं करा पाते हैं. वे ऐसे गरीब परिवारों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराएंगे. ग्रामीण इलाके के लोगों को प्रतिवर्ष मुफ्त चिकित्सा शिविर लगाकर इलाज करेगें. सभी सफलताओं का श्रेय वे अपने पिता और माता को देते हैं. उन्होंने कहा पैसे कि किल्लत के बावजूद परिजनों ने हिम्मत नहीं हारी और पढ़ाई के लिए लगातार प्रेरित करते रहे.

नालंदा (अस्थावां): जिले के बिंद गांव के साधारण परिवार में जन्मे डॉ. धीरज कुमार ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. उन्होंने नीट एस एस की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की परीक्षा में 21 वां रैंक लाकर देश में राज्य और जिले का मान बढ़ाया है. उनकी इस कामयाबी से उनके गांव सहित जिले में खुशी का माहौल है.

डॉ. धीरज के पिता सेवानिवृत शिक्षक भगीरथ प्रसाद ने कहा कि उनकी प्राथमिक शिक्षा जेएनबी स्कूल राजगीर में हुई. 2008 में मेडिकल की परीक्षा पास करने बाद उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. 2015 से 2018 तक पटना मेडिकल कालेज से एमडी किया. साल 2019 में सिनियर रेसिडेंट मेडिसिन पीएमसीएच में कार्य शुरू किया. 2020 में उन्होंने नीट एस एस की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट में 21 वां स्थान प्राप्त किया है.

गरीबों को अच्छा इलाज देने अहम मकसद
डॉ. धीरज कहते है कि गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की ट्रेनिंग लेने के बाद वे वैसे गरीब परिवारों की मदद करेंगे जो पैसे के अभाव में पेट और लीवर संबंधित बीमारियों को इलाज नहीं करा पाते हैं. वे ऐसे गरीब परिवारों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराएंगे. ग्रामीण इलाके के लोगों को प्रतिवर्ष मुफ्त चिकित्सा शिविर लगाकर इलाज करेगें. सभी सफलताओं का श्रेय वे अपने पिता और माता को देते हैं. उन्होंने कहा पैसे कि किल्लत के बावजूद परिजनों ने हिम्मत नहीं हारी और पढ़ाई के लिए लगातार प्रेरित करते रहे.

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