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नालंदा: पथरी का ऑपरेशन कराने आए मरीज की डॉक्टरों ने निकाली किडनी

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Published : Oct 20, 2019, 12:16 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 12:50 PM IST

मरीज के परिजनों का कहना है कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्‍पताल में दाखिल करवाया गया था. लेकिन डॉक्टर ने उन्हें बिना सूचित किए किडनी निकाल ली.

मरिज का डॉक्टरों ने निकाला किडनी

नालंदा: जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत देवीसराय चौक स्थित एक निजी क्लीनिक में पथरी का ऑपरेशन कराने आए एक मरीज की किडनी निकालने का मामला सामने आया है. इस बात का पता चलते ही मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. वहीं मामले पर अस्पताल के डॉ. का कहना है कि मरीज के परिजन पैसे न देने के कारण यह आरोप लगा रहा हैं.

नालंदा
पीड़ित मरीज

प्राइवेट अस्‍पताल में कराया था भर्ती
दरअसल, जिले के रविंद्र यादव को परिजनों ने प्राइवेट अस्‍पताल डॉ.आशुतोष कुमार के यहां भर्ती कराया था. मरीज के परिजनों का कहना है कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्‍पताल में दाखिल करवाया था. लेकिन डॉक्टर ने उन्हें बिना सूचित किए किडनी निकाल लिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंघन नें उन्हें बेवकूफ बनाकर गलत तरीके से हस्ताक्षर करवाया है.

देखिए यह खास रिपोर्ट

डॉक्‍टर ने दी सफाई
वहीं, इस मामले पर आरोपी डॉ. आशुतोष कुमार का कहना है कि मरीज की किडनी खराब थी. सर्जरी शुरू होने से पहले परिजनों से शपथ पत्र और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करा लिया गया था. ऑपरेशन करने से पूर्व सभी नियमों का पालन किया गया है. मरीज के परिजनों को इस बात की जानकारी पहले ही दे दी गई थी. लेकिन सफल सर्जरी होने और डिस्चार्ज होने के समय पैसे के मामले को लेकर मरीज के परिजन बेबुनियाद आरोप लगा रहे है.

आरोपी डॉक्टर
आरोपी डॉक्टर

नालंदा: जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत देवीसराय चौक स्थित एक निजी क्लीनिक में पथरी का ऑपरेशन कराने आए एक मरीज की किडनी निकालने का मामला सामने आया है. इस बात का पता चलते ही मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. वहीं मामले पर अस्पताल के डॉ. का कहना है कि मरीज के परिजन पैसे न देने के कारण यह आरोप लगा रहा हैं.

नालंदा
पीड़ित मरीज

प्राइवेट अस्‍पताल में कराया था भर्ती
दरअसल, जिले के रविंद्र यादव को परिजनों ने प्राइवेट अस्‍पताल डॉ.आशुतोष कुमार के यहां भर्ती कराया था. मरीज के परिजनों का कहना है कि पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्‍पताल में दाखिल करवाया था. लेकिन डॉक्टर ने उन्हें बिना सूचित किए किडनी निकाल लिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंघन नें उन्हें बेवकूफ बनाकर गलत तरीके से हस्ताक्षर करवाया है.

देखिए यह खास रिपोर्ट

डॉक्‍टर ने दी सफाई
वहीं, इस मामले पर आरोपी डॉ. आशुतोष कुमार का कहना है कि मरीज की किडनी खराब थी. सर्जरी शुरू होने से पहले परिजनों से शपथ पत्र और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करा लिया गया था. ऑपरेशन करने से पूर्व सभी नियमों का पालन किया गया है. मरीज के परिजनों को इस बात की जानकारी पहले ही दे दी गई थी. लेकिन सफल सर्जरी होने और डिस्चार्ज होने के समय पैसे के मामले को लेकर मरीज के परिजन बेबुनियाद आरोप लगा रहे है.

आरोपी डॉक्टर
आरोपी डॉक्टर
Intro:नालन्दा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र के देवीसराय चौक स्थित निजी क्लीनिक में पथरी का इलाज कराने आए मरीज की डॉक्टरों के द्वारा किडनी निकाल ली गई। Body:गौरतलब है कि कतरीसराय थाना क्षेत्र के सुंदरपुर गांव निवासी रविंद्र यादव का पथरी का इलाज देवीसराय स्थित निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों के द्वारा मरीज रविंद्र यादव की संक्रमित किडनी को परिजनों की सहमति से निकाल लिया गया लेकिन जब मरीज को डिस्चार्ज कराने की नौबत आई तो उस वक्त परिजनों ने रुपए कम कराने के विवाद को लेकर डॉक्टर के ऊपर ही किडनी निकालने का आरोप लगा दिया और हंगामा करने लगे। वही डॉक्टर ने इस मसले पर बताया कि किडनी निकालने से पूर्व मरीज के परिजनों से शपथ पत्र और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर लिया गया था परिजनों से ऑपरेशन करने से पूर्व सारी नियमों का पालन किया गया है।

बाइट--डॉ आशुतोष कुमार चिकित्सक
बाइट--रविन्द्र कुमार मरीज का रिश्तेदारConclusion:डॉक्टर आशुतोष ने बताया कि हमारे ऊपर लगाए गए आरोप बिल्कुल बेबुनियाद हैं जबकि परिजनों ने गलत तरीके से हस्ताक्षर कर बेबकुफ़ बनाने की बात कही।फिलहाल मामला जाचपरांत ही पता चल पाएगा कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ।

राकेश कुमार संवाददाता
बिहारशरीफ
Last Updated : Oct 20, 2019, 12:50 PM IST
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