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जमशेदपुर से नालंदा पहुंचा दारोगा का पार्थिव शरीर, गोली मारकर की थी खुदकुशी - Dead body of the police inspector reached Nalanda

जमशेदपुर में नालंदा के रहने वाले दारोगा ने अपने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. जहां चारों तरफ सन्नाटा पसर गया. वहीं, परिजनों ने दारोगा की आत्महत्या पर संदेह जताया है.

dead body of police inspector reached in his native village in nalanda
dead body of police inspector reached in his native village in nalanda
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Published : Aug 12, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Aug 12, 2020, 10:59 AM IST

नालंदा: जमशेदपुर के पुलिस लाइन कार्यालय में कार्यरत दारोगा रतन पांडेय ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद बुधवार को जिले के परबलपुर थाना क्षेत्र स्थित दारोगा के पैतृक गांव हरिपुर में उनका पार्थिव शरीर लाया गया है. दारोगा का पार्थिव शरीर पहुंचने पर गांव में माहौल और गमगीन हो गया.

बताया जाता है कि दारोगा रतन पांडेय ने अपने अपने सर्विस रिवाल्वर से ही खुद को गोली मार ली थी. दारोगा काफी उम्दा खिलाड़ी थे. रेलवे की ओर से क्रिकेट खेलने की वजह से उनका चयन खेल कोटा से पुलिस में हुई. हालांकि परिजनों ने दारोगा के आत्महत्या पर संदेह जताया है. दारोगा के परिजनों का कहना है कि वो ऐसा नहीं कर सकते. क्योंकि वो काफी शांत स्वभाव के थे और जिस तरह से उनके हाथ में पिस्टल था, उस पर ही संदेह हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

गांव में पसरा सन्नाटा
दारोगा का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया. वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीण और परिजन अंतिम संस्कार के लिए निजी वाहन से फतुहा ले गए. हालांकि इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.

नालंदा: जमशेदपुर के पुलिस लाइन कार्यालय में कार्यरत दारोगा रतन पांडेय ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद बुधवार को जिले के परबलपुर थाना क्षेत्र स्थित दारोगा के पैतृक गांव हरिपुर में उनका पार्थिव शरीर लाया गया है. दारोगा का पार्थिव शरीर पहुंचने पर गांव में माहौल और गमगीन हो गया.

बताया जाता है कि दारोगा रतन पांडेय ने अपने अपने सर्विस रिवाल्वर से ही खुद को गोली मार ली थी. दारोगा काफी उम्दा खिलाड़ी थे. रेलवे की ओर से क्रिकेट खेलने की वजह से उनका चयन खेल कोटा से पुलिस में हुई. हालांकि परिजनों ने दारोगा के आत्महत्या पर संदेह जताया है. दारोगा के परिजनों का कहना है कि वो ऐसा नहीं कर सकते. क्योंकि वो काफी शांत स्वभाव के थे और जिस तरह से उनके हाथ में पिस्टल था, उस पर ही संदेह हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

गांव में पसरा सन्नाटा
दारोगा का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया. वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीण और परिजन अंतिम संस्कार के लिए निजी वाहन से फतुहा ले गए. हालांकि इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.

Last Updated : Aug 12, 2020, 10:59 AM IST
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