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नालंदा: खेतों में पाए गए मृत अवस्था में पक्षी, बर्ड फ्लू की आशंका

जुनैदी गांव के खेतों में कुछ पक्षी मृत अवस्था में पाए गए है. जिससे ग्रामीणों ने बर्ड फ्लू का अनुमान लगा लिया. वहीं पशुपालन चिकित्सा की टीम ने जांच कर बताया कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू नहीं हुई है.

खेतों में पाए गए मरे हुए पक्षी
खेतों में पाए गए मरे हुए पक्षी
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Published : Jan 15, 2021, 7:40 AM IST

नालंदा: जिले के सिलाव प्रखंड के गोरमा पंचायत के जुनैदी गांव के खंधा में कई संख्या में पक्षी मृत अवस्था में पाए गए हैं. जिससे गांव के लोगों के बीच बर्ड फ्लू के दहशत का माहौल पैदा हो गया है. वहीं ग्रामीण बर्ड फ्लू की आशंका होने की बात कह रहे हैं.

खेतों में मृत अवस्था में पड़े थे पक्षी
गांव के लोगों ने बताया की सभी लोग अपने-अपने खेतों में काम कर रहे थे. तभी खेतों में जहां-तहां पंक्षी मृत अवस्था में पड़े हुए थे. इसके बाद ग्रामीणों ने आस-पास के खेतों में देखा तो वहां भी कई पक्षी मरे थे. इन मरने वाले पक्षी में कौआ, मैना, कबूतर, बगेरी और कई तरह के पक्षी शामिल थे. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पशुपालन विभाग को दे दिया है.

कुछ दिनों पहले मैना की गई थी जान
कुछ दिनों पहले सिलाव के नगर पंचायत कार्यालय में भी एक मैना मरी हुई पायी गयी थी. अगर पशुपालन विभाग उस समय ही सतर्क हो जाता तो आज शायद इतने पक्षी नहीं मरते.

जांच के लिये पहुंची टीम
पक्षी मरने की सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग के पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरज नारायण सिंह, डॉ. शशि शेखर, डॉ धनंजय कुमार, डॉ नरेन्द्र कुमार और डॉ नेहा मवविका सिन्हा घटनास्थल पर पहुंची. उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पहुंच कर जांच किया गया तो पता लगा की ये बर्ड फ्लू नहीं है. दो तीन दिन पहले बगल के पाॅल्ट्री फार्म वाले हाई कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया था. इससे गांव वाले को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है.

नालंदा: जिले के सिलाव प्रखंड के गोरमा पंचायत के जुनैदी गांव के खंधा में कई संख्या में पक्षी मृत अवस्था में पाए गए हैं. जिससे गांव के लोगों के बीच बर्ड फ्लू के दहशत का माहौल पैदा हो गया है. वहीं ग्रामीण बर्ड फ्लू की आशंका होने की बात कह रहे हैं.

खेतों में मृत अवस्था में पड़े थे पक्षी
गांव के लोगों ने बताया की सभी लोग अपने-अपने खेतों में काम कर रहे थे. तभी खेतों में जहां-तहां पंक्षी मृत अवस्था में पड़े हुए थे. इसके बाद ग्रामीणों ने आस-पास के खेतों में देखा तो वहां भी कई पक्षी मरे थे. इन मरने वाले पक्षी में कौआ, मैना, कबूतर, बगेरी और कई तरह के पक्षी शामिल थे. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पशुपालन विभाग को दे दिया है.

कुछ दिनों पहले मैना की गई थी जान
कुछ दिनों पहले सिलाव के नगर पंचायत कार्यालय में भी एक मैना मरी हुई पायी गयी थी. अगर पशुपालन विभाग उस समय ही सतर्क हो जाता तो आज शायद इतने पक्षी नहीं मरते.

जांच के लिये पहुंची टीम
पक्षी मरने की सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग के पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरज नारायण सिंह, डॉ. शशि शेखर, डॉ धनंजय कुमार, डॉ नरेन्द्र कुमार और डॉ नेहा मवविका सिन्हा घटनास्थल पर पहुंची. उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पहुंच कर जांच किया गया तो पता लगा की ये बर्ड फ्लू नहीं है. दो तीन दिन पहले बगल के पाॅल्ट्री फार्म वाले हाई कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया था. इससे गांव वाले को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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