नालंदा: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर जिले के विभिन्न नदियों, जलाशय और तालाबों में स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंगलवार की सुबह से ही श्रद्धालु स्नान के लिए नदियों तालाबों की ओर रुख करना शुरू कर दिया था. वहीं, बिहारशरीफ प्रखंड के पंचाने नदी के कोसुक घाट पर श्रद्धालुओं ने नदी में आस्था की डूबकी लगाई. साथ ही घाट के किनारे स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की.
भगवान आए थे राजगीर
बताया जाता है कि कोसुक घाट पर स्नान करने का अपना एक अलग महत्व है. यहां भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध का वध करने के बाद राजगीर आए थे, तो उन्होंने पंचाने नदी में स्नान करने के बाद तुलसी का पौधा रोपित किया था. इसलिए इस क्षेत्र को गोविंद क्षेत्र भी कहा जाता है.
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सूरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस, मौके पर श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद दीप का दान भी किया साथ ही तुलसी पौधा का भी रोपन किया. वहीं, श्रद्धालुओं के भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. साथ ही महिला और पुरुष पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ यहां नदियों में कोई हादसा ना हो इसलिए एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई है.
सांसारिक पाप और ताप का होता है शमन
बता दें कि हिन्दू मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है. इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन और वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है.