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'जो पत्थर में जान डालते हैं वो अंधविश्वास फैलाते हैं', राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर फतेह बहादुर का विवादित बयान

राजद के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है. इस बार उन्होंने कहा कि जो लो पत्थर में जान डालते हैं उन लोगों के नाम की लिस्ट भारत सरकार जारी करे ताकि बॉर्डर पर शहीद होने वाले जवानों के अंदर प्राण डाला जा सके. ऐसी ही अस्पतालों में मरीजों के साथ किया जा सके. पढ़ें पूरी खबर-

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राजद के विधायक फतेह बहादुर सिंह
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2024, 9:53 PM IST

फतेह बहादुर का विवादित बयान

नालंदा : राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने नया बयान देकर एक नए विवाद को जन्म दिया है. इस बार लालू के विधायक ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा है कि ''जो लोग पत्थर में प्राण डालते हैं उनकी जरूरत बॉर्डर पर और अस्पतालों में है.''

मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर फतेह बहादुर : नालंदा के बिहारशरीफ कर्पूरी भवन में राजद कार्यकर्ता द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. जब फतेह बहादुर सिंह बोलने के लिए मंच पर आए तो उन्होंने 22 जनवरी को भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कटाक्ष करना शुरू कर दिया. इन्होंने इसे अंधविश्वास फैलाने वाला करार दिया और कहा कि वो कौन लोग हैं जो पत्थर की मूर्ति में प्राण डालते हैं. भारत सरकार को ऐसे लोगों के नामों की लिस्ट देना चाहिए ताकि जो लोग अस्पतालों में रमते हैं उनके प्राण डालकर बचा लें.

''भाजपा वाले अंधविश्वास फैला रहे हैं कि 22 जनवरी को राम जी के अंदर प्राण डालने वाले हैं. जब मूर्ति में प्राण डाल सकते हैं तो फिर बॉर्डर पर मरने वाले सेना एवं अस्पताल में मरने वाले लोगों के लिए प्राण डालने वाले की सूची भारत सरकार बनाए. सुना है कि हर टुकड़ी में एक प्राण डालने वाले लोग को रखें और वहीं हर हॉस्पिटल में भी प्राण डालने वाले स्पेशलिस्ट को रखा जाए, ताकि कोई बॉर्डर पर शहीद हुए लोगों को प्राण जाए और प्राण डालने वाले उसमें प्राण डाल दें. वैसा ही अस्पताल में भी करें. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो यह समझ लेना चाहिए कि यह भ्रम और अंधविश्वास फैला रहे हैं.''- फतेह बहादुर सिंह, विधायक, आरजेडी

विवादित बयान देते रहे हैं फतेह बहादुर : फतेह बहादुर सिंह कभी देवी दुर्गा पर तो कभी सरस्वती पर विवादित बयान देते रहे हैं. इससे पहले उन्होंने मंदिर को गुलामी का प्रतीक करार दिया था. जब विवाद हुआ तो उन्होंने इन लाइनों को सावित्री बाई फुले का बयान बताया. बता दें कि इस कार्यक्रम में बिहार सरकार की मंत्री अनीता देवी, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, विधायक प्रहलाद यादव, विधायक नेहालुद्दीन, विधायक राकेश कुमार रोशन, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विधायक मंजू अग्रवाल, विधान पार्षद कार्तिक कुमार मुख्य वक्ता रहे.

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फतेह बहादुर का विवादित बयान

नालंदा : राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने नया बयान देकर एक नए विवाद को जन्म दिया है. इस बार लालू के विधायक ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा है कि ''जो लोग पत्थर में प्राण डालते हैं उनकी जरूरत बॉर्डर पर और अस्पतालों में है.''

मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर फतेह बहादुर : नालंदा के बिहारशरीफ कर्पूरी भवन में राजद कार्यकर्ता द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. जब फतेह बहादुर सिंह बोलने के लिए मंच पर आए तो उन्होंने 22 जनवरी को भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कटाक्ष करना शुरू कर दिया. इन्होंने इसे अंधविश्वास फैलाने वाला करार दिया और कहा कि वो कौन लोग हैं जो पत्थर की मूर्ति में प्राण डालते हैं. भारत सरकार को ऐसे लोगों के नामों की लिस्ट देना चाहिए ताकि जो लोग अस्पतालों में रमते हैं उनके प्राण डालकर बचा लें.

''भाजपा वाले अंधविश्वास फैला रहे हैं कि 22 जनवरी को राम जी के अंदर प्राण डालने वाले हैं. जब मूर्ति में प्राण डाल सकते हैं तो फिर बॉर्डर पर मरने वाले सेना एवं अस्पताल में मरने वाले लोगों के लिए प्राण डालने वाले की सूची भारत सरकार बनाए. सुना है कि हर टुकड़ी में एक प्राण डालने वाले लोग को रखें और वहीं हर हॉस्पिटल में भी प्राण डालने वाले स्पेशलिस्ट को रखा जाए, ताकि कोई बॉर्डर पर शहीद हुए लोगों को प्राण जाए और प्राण डालने वाले उसमें प्राण डाल दें. वैसा ही अस्पताल में भी करें. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो यह समझ लेना चाहिए कि यह भ्रम और अंधविश्वास फैला रहे हैं.''- फतेह बहादुर सिंह, विधायक, आरजेडी

विवादित बयान देते रहे हैं फतेह बहादुर : फतेह बहादुर सिंह कभी देवी दुर्गा पर तो कभी सरस्वती पर विवादित बयान देते रहे हैं. इससे पहले उन्होंने मंदिर को गुलामी का प्रतीक करार दिया था. जब विवाद हुआ तो उन्होंने इन लाइनों को सावित्री बाई फुले का बयान बताया. बता दें कि इस कार्यक्रम में बिहार सरकार की मंत्री अनीता देवी, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, विधायक प्रहलाद यादव, विधायक नेहालुद्दीन, विधायक राकेश कुमार रोशन, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विधायक मंजू अग्रवाल, विधान पार्षद कार्तिक कुमार मुख्य वक्ता रहे.

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