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Nalanda Crime: लोदीपुर 'नरसंहार' मामले में छबीलापुर थानाध्यक्ष निलंबित, SIT को जांच का जिम्मा

जमीन विवाद में हुई गोलीबारी में 6 लोगों की मौत के बाद छबीलापुर थानाध्यक्ष विनोद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं लहेरी थाना के जीएसआई पंकज कुमार को छबीलापुर का थानाध्यक्ष बनाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 6, 2021, 9:48 AM IST

नालंदा: जिले के लोदीपुर 'नरसंहार' (Lodipur Massacre) मामले में छबीलापुर थानाध्यक्ष विनोद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. आईजी संजय कुमार ने 6 लोगों की हत्या मामले में शुरुआती जांच में थानाध्यक्ष की लापरवाही को सही पाया, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई. अब लहेरी थाना के जीएसआई पंकज कुमार को छबीलापुर का थानाध्यक्ष बनाया गया है. अब आठ सदस्यीय एसआईटी की टीम मामले की जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें: Nalanda Crime: 20 सालों से चल रही थी अदावत, गरजी बंदूकें तो गिर गयी 6 लाशें

इससे पहले 16 नामजद और 20 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में अब तक 2 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. 20 सालों से चले आ रहे जमीन विवाद में गोलीबारी से बुधवार को 6 लोगों की मौत हो गई थी.

जमीन विवाद का मामला बीते बुधवार को खूनी संघर्ष में बदल गया और दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी होने लगी, इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई. मरने वाले सभी लोग एक ही गुट के बताए जा रहे हैं. मामला राजगीर अनुमंडल के छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव का है.

ये भी पढ़ें: नालंदा नरसंहार: पीड़ित के परिजनों से मिलकर बोले मंत्री श्रवण कुमार- 'जो दोषी होगा वो बचेगा नहीं'

घटना के बाद पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, लोगों का कहना है कि चार घंटों तक दबंगों ने गोलीबारी की और लोग मदद के लिए पुलिस को फोन करते रहे, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी. जिसके कारण 6 लोगों की मौत हो गई.

बताया जाता है कि परशुराम यादव और नीतीश यादव गोतिया हैं. करीब 20 सालों से 50 बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था. इस बार भी जमीन पर रोपनी नहीं हो सकी थी. बुधवार को भी जमीन को लेकर दोनों पक्षों में पहले विवाद शुरू हुआ, इसके बाद गाली गलौज और मारपीट शुरू हो गई. फिर देखते ही देखते फायरिंग होने लगी.

ये भी पढ़ें: 50 बीघा जमीन के लिए गरजी थी बंदूकें, देखते ही देखते बिछ गई 6 लाशें

नीतीश यादव गुट के द्वारा की गई गोलीबारी में परशुराम यादव गुट के तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. वहीं, तीन व्यक्ति की इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के मौत दौरान हो गई.

ग्रामीणों ने बताया कि जमीन का विवाद लंबे समय से चला आ रहा था. जिसके बाद यह मामला न्यायालय में चल रहा था. बॉंड भरा गया था कि जब तक न्यायालय के मामले का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक कोई भी पक्ष खेत नहीं जोतेगा. इसी बीच बुधवार को पुलिस के सहयोग से दूसरे गुट के द्वारा जमीन पर जोत का काम शुरू किया गया और जब दूसरे पक्ष के द्वारा पुलिस को कॉल किया गया, तब पुलिस ने मामले को अनसुना कर दिया. जिसके बाद मामला बढ़ गया और गोलीबारी हो गई.

ये भी पढ़ें: नीतीश के नालंदा में बढ़ते अपराध से दहशत में लोग, 'जंगलराज' की आहट से सहमे

नालंदा: जिले के लोदीपुर 'नरसंहार' (Lodipur Massacre) मामले में छबीलापुर थानाध्यक्ष विनोद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. आईजी संजय कुमार ने 6 लोगों की हत्या मामले में शुरुआती जांच में थानाध्यक्ष की लापरवाही को सही पाया, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई. अब लहेरी थाना के जीएसआई पंकज कुमार को छबीलापुर का थानाध्यक्ष बनाया गया है. अब आठ सदस्यीय एसआईटी की टीम मामले की जांच कर रही है.

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इससे पहले 16 नामजद और 20 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में अब तक 2 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. 20 सालों से चले आ रहे जमीन विवाद में गोलीबारी से बुधवार को 6 लोगों की मौत हो गई थी.

जमीन विवाद का मामला बीते बुधवार को खूनी संघर्ष में बदल गया और दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी होने लगी, इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई. मरने वाले सभी लोग एक ही गुट के बताए जा रहे हैं. मामला राजगीर अनुमंडल के छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव का है.

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घटना के बाद पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, लोगों का कहना है कि चार घंटों तक दबंगों ने गोलीबारी की और लोग मदद के लिए पुलिस को फोन करते रहे, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी. जिसके कारण 6 लोगों की मौत हो गई.

बताया जाता है कि परशुराम यादव और नीतीश यादव गोतिया हैं. करीब 20 सालों से 50 बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था. इस बार भी जमीन पर रोपनी नहीं हो सकी थी. बुधवार को भी जमीन को लेकर दोनों पक्षों में पहले विवाद शुरू हुआ, इसके बाद गाली गलौज और मारपीट शुरू हो गई. फिर देखते ही देखते फायरिंग होने लगी.

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नीतीश यादव गुट के द्वारा की गई गोलीबारी में परशुराम यादव गुट के तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. वहीं, तीन व्यक्ति की इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के मौत दौरान हो गई.

ग्रामीणों ने बताया कि जमीन का विवाद लंबे समय से चला आ रहा था. जिसके बाद यह मामला न्यायालय में चल रहा था. बॉंड भरा गया था कि जब तक न्यायालय के मामले का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक कोई भी पक्ष खेत नहीं जोतेगा. इसी बीच बुधवार को पुलिस के सहयोग से दूसरे गुट के द्वारा जमीन पर जोत का काम शुरू किया गया और जब दूसरे पक्ष के द्वारा पुलिस को कॉल किया गया, तब पुलिस ने मामले को अनसुना कर दिया. जिसके बाद मामला बढ़ गया और गोलीबारी हो गई.

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