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BIG NEWS: बिहार का नालंदा बना साइबर ठगों का नया अड्डा!

बिहार का नांलदा भी साइबर क्राइम का अड्डा बन गया है. यहां से क्राइम ब्रांच ने कई गैंग पकड़े हैं. वहीं मेवात भी साइबर ठगों का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है.

cyber fraudsters
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Published : Aug 17, 2021, 12:52 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले केवल जामताड़ा ऐसे साइबर फ्रॉड ( Cyber Fraud ) करने वालों का ठिकाना था, लेकिन धीरे-धीरे साइबर ठग अपने पैर पसार रहे हैं. पिछले कुछ समय में बिहार का नालंदा ( Nalanda ) साइबर ठगों का एक बड़ा अड्डा बन गया है. यहां से क्राइम ब्रांच ने कई गैंग पकड़े भी हैं. इसके अलावा मेवात भी साइबर ठगों का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है.


क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले इस तरह की जालसाजी के जितने अपराध होते थे, उनका केंद्र जामताड़ा ही होता था. वहां के साइबर ठग न केवल वारदात करते थे बल्कि साइबर ठग तैयार करने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाते थे. साइबर ठगी के जरिये होने वाली मोटी कमाई के चलते अब साइबर ठग केवल जामताड़ा तक सीमित नहीं रह गए हैं. वह लगातार अपने पैर पसारते हुए अलग-अलग राज्यों से ऑपरेट करने लगे हैं. इसके साथ ही वह समय-समय पर ठगी का तरीका भी बदलते रहते हैं.

देखें वीडियो
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Cyber Crime: बिहार में बढ़ रही साइबर ठगी, सावधानी हटी तो हो जाएगा खाता खाली


संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि कोविड महामारी की पीक के दौरान राजधानी में लोगों से साइबर ठगी की काफी वारदातें हुई थीं. कुछ लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगा गया तो कुछ लोगों से रेमेडेसीवर दवा के नाम पर ठगी हुई. ऐसे मामलों को लेकर जब क्राइम ब्रांच ने छानबीन की तो पता चला कि अधिकांश गैंग बिहार के नालंदा से ऑपरेट कर रहे हैं.

आलोक कुमार ने बताया कि ऐसे कई गैंग नालंदा से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किए हैं. ऐसा ही एक गैंग छोटू चौधरी का था. उसके गैंग में 100 से ज्यादा सदस्य थे. वह न केवल साइबर ठगी करता था बल्कि साइबर ठग तैयार करने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाता था. इस गैंग में किसी को कॉल करने की जिम्मेदारी मिली थी तो किसी को बैंक खाता उपलब्ध करवाने की. कोई एटीएम से रुपये निकालता था तो कोई सोशल मीडिया पर ठगी के लिए अपने नंबर वायरल करता था.

ये भी पढ़ें- Aurangabad News: राशन कार्ड बनाने के नाम पर ठगी करते दो साइबर फ्रॉड गिरफ्तार



संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि राजस्थान एवं हरियाणा के बॉर्डर पर बना मेवात क्षेत्र भी अब साइबर ठगी में उतर गया है. यहां के बदमाश पहले पशु चोरी, अपहरण, लूट, एटीएम काटना आदि वारदातों को अंजाम देते थे. लेकिन अब उन्होंने भी साइबर ठगी का काम शुरू कर दिया है. इस क्षेत्र के अधिकांश गैंग सेक्सटॉर्शन गैंग चलाते हैं. सोशल मीडिया के जरिये वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. ऐसे कई गैंग पिछले दिनों क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े भी गए हैं. आलोक कुमार ने बताया कि ऐसे गैंग को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम को कुछ इनपुट मिले हैं जिसे लेकर काम किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने को लेकर दिल्ली पुलिस ने वेबिनार का किया आयोजन



पुलिस अधिकारी के मुताबिक, साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सबसे कारगर तरीका जागरूक रहना है. लोग साइबर फ्रॉड को लेकर जितना जागरूक रहेंगे, वह ठगों का शिकार नहीं होंगे. उन्होंने बताया कि जब कभी लोग इंटरनेट की दुनिया में रहते हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले नंबर या किसी योजना पर भरोसा नहीं करना चाहिए. यह साइबर ठग द्वारा आपको फंसाने के लिए फेंका गया जाल हो सकता है.

नई दिल्ली: देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले केवल जामताड़ा ऐसे साइबर फ्रॉड ( Cyber Fraud ) करने वालों का ठिकाना था, लेकिन धीरे-धीरे साइबर ठग अपने पैर पसार रहे हैं. पिछले कुछ समय में बिहार का नालंदा ( Nalanda ) साइबर ठगों का एक बड़ा अड्डा बन गया है. यहां से क्राइम ब्रांच ने कई गैंग पकड़े भी हैं. इसके अलावा मेवात भी साइबर ठगों का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है.


क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले इस तरह की जालसाजी के जितने अपराध होते थे, उनका केंद्र जामताड़ा ही होता था. वहां के साइबर ठग न केवल वारदात करते थे बल्कि साइबर ठग तैयार करने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाते थे. साइबर ठगी के जरिये होने वाली मोटी कमाई के चलते अब साइबर ठग केवल जामताड़ा तक सीमित नहीं रह गए हैं. वह लगातार अपने पैर पसारते हुए अलग-अलग राज्यों से ऑपरेट करने लगे हैं. इसके साथ ही वह समय-समय पर ठगी का तरीका भी बदलते रहते हैं.

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संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि कोविड महामारी की पीक के दौरान राजधानी में लोगों से साइबर ठगी की काफी वारदातें हुई थीं. कुछ लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगा गया तो कुछ लोगों से रेमेडेसीवर दवा के नाम पर ठगी हुई. ऐसे मामलों को लेकर जब क्राइम ब्रांच ने छानबीन की तो पता चला कि अधिकांश गैंग बिहार के नालंदा से ऑपरेट कर रहे हैं.

आलोक कुमार ने बताया कि ऐसे कई गैंग नालंदा से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किए हैं. ऐसा ही एक गैंग छोटू चौधरी का था. उसके गैंग में 100 से ज्यादा सदस्य थे. वह न केवल साइबर ठगी करता था बल्कि साइबर ठग तैयार करने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाता था. इस गैंग में किसी को कॉल करने की जिम्मेदारी मिली थी तो किसी को बैंक खाता उपलब्ध करवाने की. कोई एटीएम से रुपये निकालता था तो कोई सोशल मीडिया पर ठगी के लिए अपने नंबर वायरल करता था.

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संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि राजस्थान एवं हरियाणा के बॉर्डर पर बना मेवात क्षेत्र भी अब साइबर ठगी में उतर गया है. यहां के बदमाश पहले पशु चोरी, अपहरण, लूट, एटीएम काटना आदि वारदातों को अंजाम देते थे. लेकिन अब उन्होंने भी साइबर ठगी का काम शुरू कर दिया है. इस क्षेत्र के अधिकांश गैंग सेक्सटॉर्शन गैंग चलाते हैं. सोशल मीडिया के जरिये वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. ऐसे कई गैंग पिछले दिनों क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े भी गए हैं. आलोक कुमार ने बताया कि ऐसे गैंग को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम को कुछ इनपुट मिले हैं जिसे लेकर काम किया जा रहा है.

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पुलिस अधिकारी के मुताबिक, साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सबसे कारगर तरीका जागरूक रहना है. लोग साइबर फ्रॉड को लेकर जितना जागरूक रहेंगे, वह ठगों का शिकार नहीं होंगे. उन्होंने बताया कि जब कभी लोग इंटरनेट की दुनिया में रहते हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले नंबर या किसी योजना पर भरोसा नहीं करना चाहिए. यह साइबर ठग द्वारा आपको फंसाने के लिए फेंका गया जाल हो सकता है.

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