नालंदाः किसानों की सुविधा के लिए बनाई गई बिहारशरीफ बाजार समिति आज खुद सुविधा की मोहताज बनी हुई है. बारिश की बूंदों ने बाजार समिति प्रांगण को नरक में तब्दील कर दिया है. रोजाना करोड़ों रुपये के कारोबार करने वाले इस क्षेत्र में एक भी नाला नहीं है, जिससे बारिश का पानी निकल सके.
पूरे साल रहता है जल जमाव
दरअसल, कृषि विभाग की हठधर्मिता के कारण नगर निगम प्रशासन को नाला निर्माण के काम को रोकना पड़ा. अब कृषि विभाग के स्तर से इसके विकास की बात कही जा रही है. दुकानदार और किसान की मानें तो पूरे साल बाजार समिति प्रांगण में जल जमाव रहता है. बरसात के दिनों में यह पूरा क्षेत्र नरक में बदल जाता है. जिसके कारण किसान और व्यापारी यहां आना पसंद नहीं करते हैं.
नगर निगम को नहीं है निर्माण की अनुमति
नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल ने बताया कि बाजार समिति की दुकान से किसी प्रकार का होल्डिंग टैक्स भी निगम को नहीं दिया जाता है, ना ही किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति दी जाती है. दो करोड़ की लागत से कंपोस्ट प्लांट और नाला निर्माण की निविदा निकाली गई थी. लेकिन कृषि विभाग के जरिए एनओसी नहीं दिए जाने के कारण निविदा रद्द कर दी गई.
मालूम हो कि बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है. लेकिन निगम क्षेत्र के अधीन आने वाले बाजार समिति प्रांगण को देखकर स्मार्ट सिटी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है.