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जलजमाव और कीचड़ से नालंदा का बाजार समिति नरक में तब्दील, करोड़ों के कारोबार पर असर

दो करोड़ की लागत से कंपोस्ट प्लांट और नाला निर्माण की निविदा निकाली गई थी. लेकिन कृषि विभाग के जरिए एनओसी नहीं दिए जाने के कारण निविदा रद्द कर दी गई.

नरक में तब्दील बाजार समिति
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Published : Jul 18, 2019, 4:26 PM IST

नालंदाः किसानों की सुविधा के लिए बनाई गई बिहारशरीफ बाजार समिति आज खुद सुविधा की मोहताज बनी हुई है. बारिश की बूंदों ने बाजार समिति प्रांगण को नरक में तब्दील कर दिया है. रोजाना करोड़ों रुपये के कारोबार करने वाले इस क्षेत्र में एक भी नाला नहीं है, जिससे बारिश का पानी निकल सके.

bazar samiti
बाजार समिति में फैली गंदगी

पूरे साल रहता है जल जमाव
दरअसल, कृषि विभाग की हठधर्मिता के कारण नगर निगम प्रशासन को नाला निर्माण के काम को रोकना पड़ा. अब कृषि विभाग के स्तर से इसके विकास की बात कही जा रही है. दुकानदार और किसान की मानें तो पूरे साल बाजार समिति प्रांगण में जल जमाव रहता है. बरसात के दिनों में यह पूरा क्षेत्र नरक में बदल जाता है. जिसके कारण किसान और व्यापारी यहां आना पसंद नहीं करते हैं.

नरक में तब्दील बाजार समिति

नगर निगम को नहीं है निर्माण की अनुमति
नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल ने बताया कि बाजार समिति की दुकान से किसी प्रकार का होल्डिंग टैक्स भी निगम को नहीं दिया जाता है, ना ही किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति दी जाती है. दो करोड़ की लागत से कंपोस्ट प्लांट और नाला निर्माण की निविदा निकाली गई थी. लेकिन कृषि विभाग के जरिए एनओसी नहीं दिए जाने के कारण निविदा रद्द कर दी गई.

मालूम हो कि बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है. लेकिन निगम क्षेत्र के अधीन आने वाले बाजार समिति प्रांगण को देखकर स्मार्ट सिटी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है.

नालंदाः किसानों की सुविधा के लिए बनाई गई बिहारशरीफ बाजार समिति आज खुद सुविधा की मोहताज बनी हुई है. बारिश की बूंदों ने बाजार समिति प्रांगण को नरक में तब्दील कर दिया है. रोजाना करोड़ों रुपये के कारोबार करने वाले इस क्षेत्र में एक भी नाला नहीं है, जिससे बारिश का पानी निकल सके.

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बाजार समिति में फैली गंदगी

पूरे साल रहता है जल जमाव
दरअसल, कृषि विभाग की हठधर्मिता के कारण नगर निगम प्रशासन को नाला निर्माण के काम को रोकना पड़ा. अब कृषि विभाग के स्तर से इसके विकास की बात कही जा रही है. दुकानदार और किसान की मानें तो पूरे साल बाजार समिति प्रांगण में जल जमाव रहता है. बरसात के दिनों में यह पूरा क्षेत्र नरक में बदल जाता है. जिसके कारण किसान और व्यापारी यहां आना पसंद नहीं करते हैं.

नरक में तब्दील बाजार समिति

नगर निगम को नहीं है निर्माण की अनुमति
नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल ने बताया कि बाजार समिति की दुकान से किसी प्रकार का होल्डिंग टैक्स भी निगम को नहीं दिया जाता है, ना ही किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति दी जाती है. दो करोड़ की लागत से कंपोस्ट प्लांट और नाला निर्माण की निविदा निकाली गई थी. लेकिन कृषि विभाग के जरिए एनओसी नहीं दिए जाने के कारण निविदा रद्द कर दी गई.

मालूम हो कि बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है. लेकिन निगम क्षेत्र के अधीन आने वाले बाजार समिति प्रांगण को देखकर स्मार्ट सिटी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है.

Intro:नालंदा। इस तस्वीर को देख चौंकिए मत यह कोई शहर के नाला की तस्वीर नहीं है बल्कि बिहार शरीफ बाजार समिति का प्रांगण है । किसानों को सुविधा के लिए बनाया गया बिहारशरीफ बाजार समिति आज खुद के सुविधा का मोहताज बना हुआ है। बारिश की बूंदों ने बाजार समिति प्रांगण को नरक में तब्दील कर दिया है। प्रतिदिन करोड़ों रुपए के कारोबार वाला क्षेत्र एक नाला के लिए तरस रहा है । कृषि विभाग की हठधर्मिता के कारण नाला निर्माण के काम को नगर निगम प्रशासन द्वारा रुकना पड़ा। अब कृषि विभाग के स्तर से इसके विकास की बात कही जा रही है। दुकानदार एवं किसान की मानें तो पूरा साल बाजार समिति प्रांगण में जलजमाव रहता है। बरसात के दिनों में यह पूरा क्षेत्र नरक में बदल जाता जिसके कारण किसान व्यापारी यहां आना पसंद नहीं करते हैं।


Body:नगर आयुक्त ने बताया कि बाजार समिति की दुकान से किसी प्रकार का होल्डिंग टैक्स भी निगम को नहीं दिया जाता है ना ही किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति दी जाती है। दो करोड़ की लागत से कंपोस्ट प्लांट और नाला निर्माण की निविदा निकाली गई थी लेकिन कृषि विभाग के द्वारा एनओसी नहीं दिए जाने के कारण निविदा रद्द कर दिया गया।
बिहार शरीफ नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है लेकिन निगम क्षेत्र के अधीन बाजार समिति प्रांगण को देख स्मार्ट सिटी को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है।
बाइट। दुकानदार
बाइट। सौरभ जोरवाल, नगर आयुक्त



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