नालंदा: लॉकडाउन के दौरान द्वारका में फंसे तीर्थ यात्रियों का जत्था रविवार को बिहारशरीफ पहुंचा. जिसके बाद सभी तीर्थ यात्रियों में खुशी की लहर देखने को मिली. 13 मार्च को ये जत्था द्वारिका पहुंचा था. जिसके बाद लॉकडाउन लग गया और ये लोग दो महीने तक द्वारिका में ही फंस गए.
बता दें कि 13 मार्च को जिले के परवलपुर मंडली के द्वार भगवान द्वारिकाधीश के दर्शन के लिए निकले थे, और इस मंडली को 23 मार्च को वापस होना था, लेकिन जनता कर्फ्यू के कारण ट्रेन को रद्द कर दिया गया. जिसके कारण उसके बाद सभी लोग वहीं फंसे रह गए. करीब 2 माह के लंबे समय के दौरान 92 तीर्थ यात्रियों का जत्था द्वारका में ही फंसा रहा.
किसी ने नहीं की कोई शिकायत
स्वामी केशवानंद के दरबार में सनातन सेवा आश्रम में रह रहे सभी यात्रियों ने किसी प्रकार की कोई कमी होने की बात नहीं कही, लेकिन दो माह के दौरान घर परिवार की हो रही चिंता के बाद बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार से मदद मांगी. जिसके बाद एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था हुई और आज वापस घर लौट गए.
कारोबारी की मां का हो गया निधन
बताया जाता है कि जिले के परवलपुर निवासी किराना दुकानदार विनोद साव की मां शांति देवी भी इस मंडली में शामिल थीं, लेकिन उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. जामनगर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन उन्होंने वहीं अपनी अंतिम सांस ली. मंडली में शामिल उनके बेटे के द्वारा उनका अंतिम संस्कार वहीं किया गया.
तीर्थ यात्रियों ने क्या कहा
तीर्थ यात्रियों ने बताया कि इस दौरान गुजरात सरकार ने भी काफी मदद की. उन्हें भगवान द्वारिकाधीश के दर्शन भी करवा दिए. उन लोगों का सभी कष्ट दूर हो गया. सभी लोग अपने घर वापस पहुंच कर काफी खुश दिखे. फिलहाल सभी को होम क्वॉरेंटीन में भेजा गया है.