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नालंदा: बकरीद पर कोरोना का असर, बकरा बाजार में छाई है मंदी

कोरोना के कारण इस बार हर पर्व त्योहार फीका पड़ रहा है. बकरीद में भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. बकरा बाजार में बकरी के खरीदार नहीं मिल रहे.

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Published : Jul 28, 2020, 5:17 PM IST

नालंदा: कुर्बानी का त्योहार मानी जाने वाली बकरीद एक अगस्त को मनाई जानी है. मुस्लिम धर्म के लोग इस पर्व में बकरे की कुर्बानी देते हैं. इसके लिए बाजार में बकरों की मांग बढ़ी रहती है और खूब चहल पहल रहती है.

सूना पड़ा बाजार

बकरीद में बड़ी संख्या में बकरों की बिक्री होती है, लेकिन इस बार लॉकडॉउन का असर बकरीद के बाजार भी दिख रहा है. बकरे की बिक्री के लिए बकरा बाजार सजा हुआ है, लेकिन बिक्री में काफी मंदी है. दूरदराज से लोग बकरे की बिक्री के लिए बकरे को लेकर बाजार में आए हुए हैं, लेकिन इस बार बकरे की बिक्री नहीं हो पा रही है.

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बकरे की मांग घटी

मंदी के कारण बकरे की कीमत में कमी

बिहार शरीफ के चक दिलावर गांव के रुदल केवट ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बकरे की मांग अधिक होती थी और इतनी होती थी की पूर्ति नहीं हो पाती थी. इस बार बकरे को लेकर बाजार में आए हुए हैं, लेकिन खरीदार में काफी कमी देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि बकरीद के मौके पर 40 से 50 हजार में एक एक बकरा बिक जाता था, लेकिन इस बार उन्होंने अपने बकरे की कीमत 32 हजार रखी है. बावजूद इसके कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है.

नालंदा: कुर्बानी का त्योहार मानी जाने वाली बकरीद एक अगस्त को मनाई जानी है. मुस्लिम धर्म के लोग इस पर्व में बकरे की कुर्बानी देते हैं. इसके लिए बाजार में बकरों की मांग बढ़ी रहती है और खूब चहल पहल रहती है.

सूना पड़ा बाजार

बकरीद में बड़ी संख्या में बकरों की बिक्री होती है, लेकिन इस बार लॉकडॉउन का असर बकरीद के बाजार भी दिख रहा है. बकरे की बिक्री के लिए बकरा बाजार सजा हुआ है, लेकिन बिक्री में काफी मंदी है. दूरदराज से लोग बकरे की बिक्री के लिए बकरे को लेकर बाजार में आए हुए हैं, लेकिन इस बार बकरे की बिक्री नहीं हो पा रही है.

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बकरे की मांग घटी

मंदी के कारण बकरे की कीमत में कमी

बिहार शरीफ के चक दिलावर गांव के रुदल केवट ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बकरे की मांग अधिक होती थी और इतनी होती थी की पूर्ति नहीं हो पाती थी. इस बार बकरे को लेकर बाजार में आए हुए हैं, लेकिन खरीदार में काफी कमी देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि बकरीद के मौके पर 40 से 50 हजार में एक एक बकरा बिक जाता था, लेकिन इस बार उन्होंने अपने बकरे की कीमत 32 हजार रखी है. बावजूद इसके कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है.

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