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नालंदा: जिले में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था से DM नाराज, अधिकारियों को लगाई फटकार - health facilities in nalanda

डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जनों को उनके कार्यों के लिए फटकार लगाई. उन्होंने सिविल सर्जन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके विरुद्ध प्रपत्र गठित कर विभाग को भेजने का निर्देश दिया है.

समीक्षा बैठक करते डीएम
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Published : Jun 6, 2019, 6:33 PM IST

नालंदा: जिले में स्वास्थ्य सेवा का जायजा लेने के लिए डीएम योगेंद्र सिंह समीक्षा बैठक करने पहुंचे. यहां उन्होंने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए सिविल सर्जन के प्रति नाराजगी जाहिर की है. इस बैठक में डीएम में अपने कार्य में अनियमितता बरते वाले सभी अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया.

सिविल सर्जनों को लगाई फटकार
इस दौरान डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जनों को उनके कार्यों के लिए फटकार लगाई. उन्होंने सिविल सर्जन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ प्रपत्र गठित कर विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया. डीएम ने इसके अलावा भी विभिन्न मामलों में होने वाले कुव्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश
मेडिकल कचरा को निर्देशानुसार नष्ट नहीं किए जाने को लेकर बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जिले के 13 नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश दिया गया था. इसके अनुपालन में अब तक मात्र एक संस्थान को ही बंद किया गया है. इस मामले में भी डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

समीक्षा बैठक करते डीएम

आधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
बैठक के दौरान जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत 31 मई तक 1 हजार 545 लोगों का भुगतान लंबित पाया गया. बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मार्च महीने में अल्ट्रासाउंड मशीन की आपूर्ति की गई है, लेकिन अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. इन सभी मुद्दों पर डीएम ने संबधित आधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा.

कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश
इस बैठक में डीएम ने सदर अस्पताल और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था और कार्य प्रणाली में सुधार लाने का स्पष्ट निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों की जांच कराई जाएगी. इन कार्यों में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी करावाई की जाएगी.

नालंदा: जिले में स्वास्थ्य सेवा का जायजा लेने के लिए डीएम योगेंद्र सिंह समीक्षा बैठक करने पहुंचे. यहां उन्होंने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए सिविल सर्जन के प्रति नाराजगी जाहिर की है. इस बैठक में डीएम में अपने कार्य में अनियमितता बरते वाले सभी अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया.

सिविल सर्जनों को लगाई फटकार
इस दौरान डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जनों को उनके कार्यों के लिए फटकार लगाई. उन्होंने सिविल सर्जन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ प्रपत्र गठित कर विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया. डीएम ने इसके अलावा भी विभिन्न मामलों में होने वाले कुव्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश
मेडिकल कचरा को निर्देशानुसार नष्ट नहीं किए जाने को लेकर बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जिले के 13 नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश दिया गया था. इसके अनुपालन में अब तक मात्र एक संस्थान को ही बंद किया गया है. इस मामले में भी डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

समीक्षा बैठक करते डीएम

आधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
बैठक के दौरान जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत 31 मई तक 1 हजार 545 लोगों का भुगतान लंबित पाया गया. बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मार्च महीने में अल्ट्रासाउंड मशीन की आपूर्ति की गई है, लेकिन अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. इन सभी मुद्दों पर डीएम ने संबधित आधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा.

कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश
इस बैठक में डीएम ने सदर अस्पताल और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था और कार्य प्रणाली में सुधार लाने का स्पष्ट निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों की जांच कराई जाएगी. इन कार्यों में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी करावाई की जाएगी.

Intro:नालंदा। स्वास्थ सेवा सबसे महत्वपूर्ण सेवा माना जाता है और इस सेवा से लोग सीधे जुड़े होते हैं लेकिन नालंदा में स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था पूरी तरह लचर है। नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह जिले में स्वास्थ्य सेवा को लेकर चल रहे कार्य कलाप पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। आज बिहार शरीफ के हरदेव भवन में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की और सिविल सर्जन के कार्यकलाप से काफी असंतुष्ट हुए उन्होंने सिविल सर्जन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा उनके विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने इसके अलावा भी विभिन्न मामलों में होने वाले को कुव्यवस्था को लेकर अधिकारियों से जवाब तलब किया है।


Body:समीक्षा बैठक के दौरान जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन का अनुपालन नहीं किया जाने को लेकर बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जिले के 13 नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश दिया गया था इसके अनुपालन में अब तक मात्र एक संस्थान को ही बंद किया गया है । जिलाधिकारी ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया । इसका अनुपालन नहीं करने के कारण संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा गया। जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत 31 मई तक 1545 लोगों का भुगतान लंबित पाया गया। बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मार्च महीने में अल्ट्रासाउंड मशीन की आपूर्ति की गई है लेकिन अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं किया गया जिस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण पूछा। जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल एवं सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था एवं कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार लाने का स्पष्ट निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों की जांच कराई जाएगी । सिविल सर्जन कार्यालय के कार्यकलाप से भी काफी असंतुष्ट हुए, प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण पूछा गया।


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