नालंदा: जिले में स्वास्थ्य सेवा का जायजा लेने के लिए डीएम योगेंद्र सिंह समीक्षा बैठक करने पहुंचे. यहां उन्होंने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए सिविल सर्जन के प्रति नाराजगी जाहिर की है. इस बैठक में डीएम में अपने कार्य में अनियमितता बरते वाले सभी अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया.
सिविल सर्जनों को लगाई फटकार
इस दौरान डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जनों को उनके कार्यों के लिए फटकार लगाई. उन्होंने सिविल सर्जन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ प्रपत्र गठित कर विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया. डीएम ने इसके अलावा भी विभिन्न मामलों में होने वाले कुव्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से जवाब-तलब किया है.
24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश
मेडिकल कचरा को निर्देशानुसार नष्ट नहीं किए जाने को लेकर बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जिले के 13 नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश दिया गया था. इसके अनुपालन में अब तक मात्र एक संस्थान को ही बंद किया गया है. इस मामले में भी डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
आधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
बैठक के दौरान जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत 31 मई तक 1 हजार 545 लोगों का भुगतान लंबित पाया गया. बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मार्च महीने में अल्ट्रासाउंड मशीन की आपूर्ति की गई है, लेकिन अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. इन सभी मुद्दों पर डीएम ने संबधित आधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा.
कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश
इस बैठक में डीएम ने सदर अस्पताल और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था और कार्य प्रणाली में सुधार लाने का स्पष्ट निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों की जांच कराई जाएगी. इन कार्यों में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी करावाई की जाएगी.