नालंदा: बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 5वीं पुण्यतिथि मनाई गई. देश के विभिन्न हिस्सों में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया जा रहा है. इस श्रद्धांजलि सभा में सत्ता और विपक्ष दोनों के लोग शामिल हैं और वे पार्टी कार्यालय या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से नमन कर रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी का बिहार के नालंदा से भी गहरा नाता है. वे कई बार नालंदा आए थे.
नालंदा से अटल जी का गहरा नाता: बिहार शरीफ के अलीनगर निवासी राजकिशोर प्रसाद के घर भी अटल बिहारी वाजपेयी गए थे. उन दिनों को याद कर राजकिशोर आज भी भावुक हो जाते हैं. राजकिशोर बताते हैं कि 1962 में लोकसभा उपचुनाव था और वह (अटल बिहारी वाजपेयी) एक कार्यकर्ता के प्रचार के लिए राजमार्ग से पहुंचे थे. तभी लौटते वक्त शाम को अचानक से तेज आंधी और बारिश होने लगीं. इस वजह से अटल जी को बिहार शरीफ के अलीनगर मोहल्ला निवासी और युवा संघ के सदस्य राजकिशोर प्रसाद (82 वर्षीय) पिता स्व. नारायण साव के घर रात गुजारनी पड़ी थी. राजकिशोर के पिता कोलकाता में मसाले की दुकान चलाते थे.
"अचानक अटल जी के घर पहुंचने पर मैं और मेरा पूरा परिवार भौचक रह गए. एक छोटे से कार्यकर्ता के घर इतने बड़े नेता के आने से हमारी खुशी का ठिकाना ना था. रात भर खुशी के मारे मुझे नींद नहीं आई."- राजकिशोर प्रसाद, पूर्व बीजेपी नेता, नालंदा
राजकिशोर के घर गुजारी थी रात: उस वक्त राजकिशोर प्रसाद इंटर के छात्र थे और संघ के सक्रिय सदस्य हुआ करते थे. जैसे ही शाम को उन्हें सूचना मिली कि अटल जी को आज रुकना पड़ेगा, वे फ़ौरन गोला पर हवाई अड्डा अटल बिहारी वाजपेयी को लेने पहुंचे और घर लेकर आए थे. रात को उनके लिए खीर रोटी और सब्जी बनायी.
'अटल जी ने सादा भोजन किया था ग्रहण': राकिशोर बताते हैं कि 12 बजे रात तक अटल जी से उनकी बातचीत हुई. फिर उनके सोने का इंतजाम किया. फिर रात को जब वे सो गए तो उन्हें कोई दिक्कत न हो इसके लिए रात भर राजकिशोर जी दरवाजे के बाहर टहलते रहे. सुबह जब 6:30 बजे अटल जी सोकर उठे तो उनके लिए नाश्ते की व्यवस्था की गयी.
"नाश्ते में बाजरा की रोटी सब्जी और दही खिलाकर उन्हें गोलापर हवाई अड्डा तक पहुंचाने गए थे. उसके बाद मैं राजनीति में सक्रिय हुआ. फिर उसके बाद संघ और पार्टी की मजबूती के लिए सूबे में अपनी पहचान बनाई. कई नेता व संघ के बड़े छोटे सदस्य मेरे दरवाजे पर आते रहे."-राजकिशोर प्रसाद, पूर्व बीजेपी नेता, नालंदा
'आज की राजनीतिक हालात बिल्कुल अलग': बिहार में अटल बिहारी वाजपेयी का कोई भी कार्यक्रम होता था तो उनके रुकने से लेकर रहने खाने तक की व्यवस्था राजकिशोर प्रसाद ही करते थे. राजकिशोर कहते हैं कि उनके बाद कोई ऐसा संघर्षशील और जुझारू के साथ सामान्य विचार धारा जैसे स्वभाव वाले लोग नहीं हो पाए. न उनके अलावा हमें कोई पूछने या देखने आया. आज की राजनीतिक हालात बिल्कुल बदल चुके हैं.